कम आय वर्ग में बढ़ा गोल्ड लोन
नई दिल्ली: वित्तीय दबाव झेल रहे कम आमदनी वाले लोगों में अब गोल्ड लोन(Gold Loan) का चलन तेजी से बढ़ रहा है। पहले जहां वे छोटे कर्ज के लिए माइक्रोफाइनैंस संस्थानों(MFI) पर निर्भर रहते थे, अब वे अपने गहने गिरवी रखकर तात्कालिक जरूरतें पूरी कर रहे हैं। सोने की कीमतों में 2025 में 44.14% की उछाल और गोल्ड लोन(Gold Loan) पर कम ब्याज दरें इस बदलाव की मुख्य वजह मानी जा रही हैं।
माइक्रोफाइनैंस से गोल्ड लोन की ओर रुख
भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) के आंकड़े बताते हैं कि जून 2025 तक गोल्ड के बदले दिए गए कर्ज में 122% की सालाना वृद्धि हुई है। इसके उलट माइक्रोफाइनैंस कर्ज में 16.5% की गिरावट आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि माइक्रोफाइनैंस कंपनियों की सख्त शर्तों के चलते लोग अब आसानी से उपलब्ध गोल्ड लोन की ओर रुख कर रहे हैं।
साउथ इंडियन बैंक के मुख्य महाप्रबंधक संजय सिन्हा का कहना है कि जो ग्राहक पहले बिना गारंटी वाले कर्ज लेते थे, अब उन्हें यह रास्ता मुश्किल लग रहा है। इसलिए वे अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए सोने के गहनों का सहारा ले रहे हैं।
बढ़ते आंकड़े और मजबूरी
आंकड़ों के अनुसार, जून 2025 तक ऐसे कर्जदारों की संख्या जो माइक्रोफाइनैंस संस्थानों के दरवाजे खटखटाते थे, घटकर 3.1 मिलियन रह गई। यह एक साल पहले 5.7 मिलियन थी। जुलाई 2025 तक सोने के गहनों के बदले बकाया कर्ज 2.94 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया, जो 122% की वृद्धि दर्शाता है।
आरबीआई के अनुसार, इसके मुकाबले असुरक्षित क्रेडिट कार्ड लोन केवल 6% बढ़कर 2.91 लाख करोड़ रुपये हुआ। वहीं व्यक्तिगत कर्ज में 8% की बढ़ोतरी हुई और यह 15.36 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। माइक्रोफाइनैंस संस्थानों का एयूएम 1.34 लाख करोड़ रुपये रह गया, जो सालाना आधार पर 16.5% कम है।
धारणा में बदलाव और ब्याज का असर
कभी गोल्ड लोन(Gold Loan) को अंतिम उपाय माना जाता था, लेकिन अब यह एक मुख्यधारा का वित्तीय विकल्प बन गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि बदलती सोच के पीछे गोल्ड लोन की कम ब्याज दरें बड़ा कारण हैं। सुरक्षित होने के कारण इन पर 10-15% तक ब्याज लगता है, जबकि माइक्रोफाइनैंस कर्ज पर यह दर 20% से अधिक होती है।
कम आय वर्ग के लोगों को त्वरित धन की उपलब्धता और सोने की बढ़ती कीमतों ने भी गोल्ड लोन को और आकर्षक बना दिया है। अब इसे सिर्फ संकट का समाधान नहीं, बल्कि सुविधाजनक विकल्प माना जा रहा है।
गोल्ड लोन में अचानक इतनी तेजी क्यों आई है?
सोने की कीमतों में भारी बढ़ोतरी, कर्ज पर कम ब्याज दरें और माइक्रोफाइनैंस संस्थानों की सख्त नीतियां इसके मुख्य कारण हैं। लोगों को यह रास्ता आसान और सुरक्षित लगता है।
माइक्रोफाइनैंस की जगह गोल्ड लोन क्यों चुना जा रहा है?
क्योंकि माइक्रोफाइनैंस पर ब्याज दरें अधिक हैं और नए कर्ज मंजूर करने में सतर्कता बढ़ गई है। दूसरी ओर गोल्ड लोन सरल प्रक्रिया और कम ब्याज दरों के साथ तुरंत उपलब्ध हो रहा है।
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