Global uncertainty के बीच सोने की कीमत ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम पर पहुंचीं: निवेशकों में हलचल
सोने की कीमतों ने भारत में एक नया रिकॉर्ड बना लिया है। वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता के बीच सोना ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है। यह पहली बार है जब सोने की कीमत ने इस मनोवैज्ञानिक स्तर को पार किया है, जिससे निवेशकों और आम लोगों के बीच हलचल मच गई है।

क्या है इस बढ़ोतरी की वजह?
1. भूराजनीतिक तनाव
- मिडिल ईस्ट, रूस-यूक्रेन और एशिया-पैसिफिक क्षेत्रों में लगातार तनाव बना हुआ है।
- निवेशक अब सुरक्षित विकल्प (Safe Haven) के रूप में सोने की ओर बढ़ रहे हैं।
2. डॉलर की कमजोरी
- अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के कारण ग्लोबल कमोडिटी जैसे सोने की कीमतों में उछाल आया।
3. महंगाई और ब्याज दरें
- महंगाई दर में अनिश्चितता और फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में बदलाव की आशंका से भी सोने की मांग बढ़ी।
4. कम सप्लाई
- खनन और सप्लाई चेन में बाधाओं के कारण सोने की उपलब्धता प्रभावित हुई।
भारत में सोने की कीमतें
शहर | 24 कैरेट सोना (10 ग्राम) |
---|---|
दिल्ली | ₹1,00,200 |
मुंबई | ₹1,00,050 |
चेन्नई | ₹1,00,300 |
कोलकाता | ₹1,00,100 |
कीमतें टैक्स और मेकिंग चार्ज पर निर्भर हो सकती हैं।
निवेशकों की प्रतिक्रिया
- कई निवेशकों ने इस उछाल को मुनाफा वसूली का अवसर बताया।
- छोटे निवेशकों के लिए यह कीमत निवेश में बाधा बन सकती है।
- ETF (Exchange Traded Funds) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्पों की ओर रुझान बढ़ा है।

आगे क्या हो सकता है?
- अगर global uncertainty और ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं बनी रहीं, तो सोना ₹1.05 लाख तक जा सकता है।
- हालांकि, डॉलर में रिकवरी और कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता आने पर थोड़ी गिरावट संभव है।
सरकार की नजर भी जरूरी
- इस तेजी से आयात बिल पर असर पड़ेगा।
- CAD (Current Account Deficit) बढ़ सकता है, जिससे रुपया कमजोर हो सकता है।
- सरकार डिजिटल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को और प्रोत्साहित कर सकती है।
सोने की कीमत में यह उछाल केवल बाजार की चाल नहीं, बल्कि वैश्विक अस्थिरता का संकेत भी है। जहां कुछ लोग इसे निवेश का बेहतरीन मौका मान रहे हैं, वहीं आम जनता के लिए यह ज्वेलरी और शादी के सीज़न में बजट पर असर डालने वाला साबित हो सकता है।