National : जीएसटी दरों में कटौती सरकार ने देर से उठाया कदम : चिदंबरम

By Anuj Kumar | Updated: September 14, 2025 • 8:44 PM

नई दिल्ली। भारत के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम (P. Chidbram) ने जीएसटी दरों में हुई कटौती पर केंद्र सरकार को घेरा है। एक समाचार पत्र में छपे लेख में चिदंबरम ने कहा कि आखिरकार सरकार ने वही माना जो उन्होंने आठ साल पहले संसद में उठाया था कि जीएसटी दर (GST Rate) 18 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इस फैसले को सही लेकिन बहुत देर से उठाया गया कदम बताया।

2016 में ही दिया था 18% का सुझाव

चिदंबरम ने याद दिलाया कि जब 2016 में संविधान संशोधन बिल पर संसद में चर्चा हुई थी, तब उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है, जो अमीर और गरीब दोनों पर समान रूप से लागू होता है। ऐसे में इसे 18 फीसदी से ऊपर रखना अन्यायपूर्ण होगा। उन्होंने चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (Chief Economic Advisor) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि उभरते बाजारों में जीएसटी की औसत दर 14.1 फीसदी है और विकसित देशों में करीब 16.8 फीसदी। यही कारण है कि कांग्रेस ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया था।

ऊंची दरों से बढ़ा उपभोक्ताओं का बोझ

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र ने उस समय यह तर्क दिया था कि कम दरें रखने से राज्यों को भारी नुकसान होगा, लेकिन हकीकत यह है कि सरकार ने ऊंची दरों के जरिए उपभोक्ताओं से हर संभव पैसा वसूल किया है। उन्होंने आंकड़े दिए कि 2017-18 में जीएसटी से करीब 11 लाख करोड़ रुपए वसूले गए, जबकि 2024-25 में यह राशि बढ़कर 22 लाख करोड़ तक पहुंच गई।

‘गब्बर सिंह टैक्स’ का दिया उदाहरण

चिदंबरम ने लेख में लिखा कि यह बोझ लोगों की जेब पर पड़ा, खपत घटी और घरेलू कर्ज बढ़ा। यही वजह थी कि जीएसटी को आम लोगों ने “गब्बर सिंह टैक्स” नाम से पुकारा। चिदंबरम ने सवाल उठाया कि अगर आज टूथपेस्ट, हेयर ऑयल, घी, बच्चों के नैपकिन, पेंसिल-कॉपी, ट्रैक्टर और स्प्रिंकलर जैसी रोज़मर्रा की चीजों पर 5 फीसदी दर लगाना सही है, तो पिछले आठ सालों तक लोगों से ज्यादा वसूली क्यों की गई।

अर्थव्यवस्था पर पड़ा असर

उन्होंने कहा कि ऊंचे टैक्स स्लैब ने खपत को दबाया और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया।

भविष्य के लिए दिए 6 सुझाव

उन्होंने यह भी कहा कि दरों में कटौती अच्छी शुरुआत है लेकिन काम यहीं खत्म नहीं होता। उन्होंने सरकार को छह बड़े कदम उठाने की सलाह दी–

बीजेपी पर लगाया श्रेय लेने का आरोप

चिदंबरम ने अपने लेख के आखिर में लिखा कि दरों में कटौती को बीजेपी अपनी जीत की तरह पेश कर रही है, जबकि यह असल में देर से उठाया गया कदम है। उन्होंने लिखा कि सरकार को उपभोक्ताओं से माफी मांगनी चाहिए कि आठ साल तक उन्हें ऊंचे टैक्स ढांचे का बोझ झेलना पड़ा। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे के सुधारों के लिए जनता को और आठ साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

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