शुल्क प्रतिपूर्ति को इससे जोड़ा जाएगा
हैदराबाद। राज्य के निजी व्यावसायिक कॉलेजों को जल्द ही एक नई प्रणाली के तहत वर्गीकृत किया जाएगा, जिसे गुणवत्ता को मानकीकृत करने और उच्च शिक्षा में जवाबदेही लाने के लिए लागू किया जाएगा। प्रस्तावित प्रणाली के तहत, कॉलेजों को शैक्षणिक और बुनियादी ढांचे के मानदंडों के आधार पर पांच ग्रेड – A+, A, B, C और D – में वर्गीकृत किए जाने की संभावना है। यह ग्रेडिंग प्रणाली इंजीनियरिंग, फार्मेसी, एमबीए, एमसीए, बीएड, एमएड, एमटेक, एमफार्मेसी, बीआर्क और एमआर्क कार्यक्रम प्रदान करने वाले निजी व्यावसायिक कॉलेजों पर लागू होगी।
ग्रेडिंग के आधार पर ही तय की जाएगी कॉलेजों की ट्यूशन फीस
सूत्रों के अनुसार, ग्रेडिंग (Grading) कई मापदंडों पर आधारित होगी, जिसमें राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद ग्रेड, राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क रैंकिंग, बुनियादी ढांचा, प्लेसमेंट और संकाय शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि ग्रेडिंग के आधार पर ही कॉलेजों की ट्यूशन फीस तय की जाएगी। इसके अलावा, सरकार ग्रेडिंग प्रणाली को शुल्क प्रतिपूर्ति वितरण से जोड़ने की योजना बना रही है। सरकार का इरादा ए+, ए और बी श्रेणी के कॉलेजों को प्राथमिकता देकर शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान करने का है।
एक 10 सदस्यीय समिति का गठन करेगी सरकार
राज्य सरकार पर पहले से ही व्यावसायिक कॉलेजों सहित निजी कॉलेजों का लगभग 8,000 करोड़ रुपये का शुल्क प्रतिपूर्ति बकाया है। कॉलेजों ने हाल ही में एकजुट होकर सरकार द्वारा शुल्क बकाया चुकाने में विफल रहने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी दी है। हालाँकि, ट्यूशन फीस बकाया चुकाने के बजाय, सरकार कॉलेजों को ग्रेड देने और उसे शुल्क प्रतिपूर्ति से जोड़ने की योजना बना रही है। निजी व्यावसायिक कॉलेजों में शुल्क निर्धारण और उनकी ग्रेडिंग के तौर-तरीके तैयार करने के लिए सरकार जल्द ही एक 10 सदस्यीय समिति का गठन करेगी, जिसकी अध्यक्षता तेलंगाना उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर वी. बालाकिस्ता रेड्डी द्वारा किए जाने की संभावना है।
शुल्क निर्धारण पद्धतियों का अध्ययन करेगी समिति
समिति में तकनीकी एवं महाविद्यालयीन शिक्षा आयुक्त ए श्रीदेवसेना, टीजीसीएचई सचिव प्रोफेसर श्रीराम वेंकटेश, जेएनटीयू-हैदराबाद के रजिस्ट्रार के वेंकटेश्वर राव, तथा नगर एवं ग्राम नियोजन निदेशालय, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी, ओयू इंजीनियरिंग विभाग के एक वरिष्ठ प्रोफेसर और विषय विशेषज्ञों के अलावा अन्य सरकारी अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, समिति अन्य राज्यों में अपनाई गई शुल्क निर्धारण पद्धतियों का अध्ययन करेगी तथा राज्य में ट्यूशन शुल्क निर्धारण के लिए दिशानिर्देश तैयार करेगी। सूत्रों ने बताया कि समिति के गठन संबंधी आदेश की प्रति को जांच के लिए विधि विभाग को भेज दिया गया है।

बिजनेस कॉलेज का मतलब क्या होता है?
इस कॉलेज वह शैक्षणिक संस्थान होता है जहाँ व्यापार, प्रबंधन, अर्थशास्त्र, और वित्त से जुड़े पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हैं। इसमें BBA, MBA, कॉमर्स, अकाउंटिंग जैसे कोर्स शामिल होते हैं। ये कॉलेज छात्रों को व्यवसाय और प्रबंधन की दुनिया के लिए तैयार करते हैं।
व्यावसायिक छात्र का अर्थ क्या होता है?
यह छात्र वह होता है जो किसी व्यवसायिक या प्रायोगिक विषय की पढ़ाई कर रहा होता है, जिससे उसे रोजगार या उद्योग में काम करने का कौशल मिले। ऐसे छात्र इंजीनियरिंग, नर्सिंग, आईटीआई, मैनेजमेंट या कंप्यूटर जैसे व्यावसायिक कोर्स करते हैं।
व्यावसायिक में कौन-कौन से विषय होते हैं?
इस शिक्षा में कई विषय होते हैं जैसे: इंजीनियरिंग, कंप्यूटर एप्लीकेशन, फैशन डिजाइनिंग, होटल मैनेजमेंट, अकाउंटिंग, बिजनेस स्टडीज, मार्केटिंग, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, और इलेक्ट्रिशियन आदि। ये विषय छात्रों को रोजगारोन्मुखी और कौशल-आधारित प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
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