केंद्र सरकार ने रक्सौल से हल्दिया पोर्ट (Raxaul to Haldia Port) तक छह लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे (Six Lane Greenfield Expressway) को मंजूरी दी। यह एक्सप्रेस-वे बिहार के 12 जिलों से गुजरेगा और रक्सौल से हल्दिया तक की यात्रा 10 घंटे से कम में पूरी होगी। इस परियोजना पर लगभग 39000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे से बिहार (Bihar) में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
पटना। केंद्र सरकार ने रक्सौल से हल्दिया पोर्ट तक छह लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे निर्माण के मार्गरेखा की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना से बिहार और नेपाल के बीच माल और यात्री परिवहन को अभूतपूर्व गति मिलेगी। साथ ही, राज्य के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी जिलों को व्यापक लाभ मिलेगा।पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने बताया कि यह छह लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे रक्सौल, मोतिहारी, शिवहर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, जमुई, बांका और मुंगेर सहित बिहार के 12 जिलों से होकर गुजरेगा।
बिहार में इस एक्सप्रेसवे की लंबाई लगभग 408 किमी रहेगी
यह बिहार की सीमा पार कर झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट तक पहुंचेगा। एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 585.35 किमी होगी जिसमें बिहार में इस एक्सप्रेसवे की लंबाई लगभग 408 किमी रहेगी।परियोजना के तहत 27 मेजर ब्रिज, 201 माइनर ब्रिज, 51 इंटरचेंज के अलावा बेगूसराय जिले के बिरपुर गांव के पास गंगा नदी पर लगभग 4.5 किमी लंबा पुल निर्माण भी प्रस्तावित है। परियोजना पर लगभग 39,000 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
रक्सौल से हल्दिया तक की यात्रा का समय 10 घंटे से भी कम रह जाएगा
उन्होंने बताया कि नए एक्सप्रेस-वे से रक्सौल से हल्दिया तक की यात्रा का समय 10 घंटे से भी कम रह जाएगा। एक्सप्रेस-वे को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति के लिए डिजाइन किया गया है जिससे आम जनों को सुगम एवं सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा। उन्होंने बताया कि पुराने मार्गों पर बायपास बनाना व्यवहारिक नहीं था, इसीलिए राज्य सरकार द्वारा नया ग्रीनफील्ड मार्ग निर्धारित करने का अनुरोध किया गया था जिस पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने स्वीकृति दी है।
वर्ष 2027 तक अधिकतम 3 घंटे 30 मिनट में तय की जा सके
यह परियोजना बिहार सरकार द्वारा निर्धारित उस विजन का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत बिहार के किसी भी कोने से राजधानी पटना की दूरी वर्ष 2027 तक अधिकतम 3 घंटे 30 मिनट में तय की जा सके।यह केवल सड़क परियोजना नहीं है बल्कि एक व्यापक आर्थिक परिवर्तन का मार्ग है, जो बिहार को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के नक्शे पर नई पहचान देगा।
राज्य में अब कुल पांच बड़े एक्सप्रेस-वे परियोजनाएं प्रगति पर
- रक्सौल–हल्दिया (585 किमी)
- गोरखपुर–सिलीगुड़ी (417 किमी)
- पटना–पूर्णिया (250 किमी)
- बक्सर–भागलपुर (300 किमी)
- वाराणसी–कोलकाता (161 किमी)
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