कारोबारियों के लिए राहत की खबर
नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस(taxes) एंड कस्टम्स(CBIC) ने डीलरों और कंपनियों के लिए जीएसटी(GST) से जुड़ा बड़ा स्पष्टीकरण जारी किया है। अब स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि कंपनी सीधे डीलर को डिस्काउंट देती है तो टैक्स डिस्काउंट के बाद की कीमत पर लगेगा। यह कदम लंबे समय से चली आ रही असमंजस की स्थिति को दूर करेगा और कारोबारियों को राहत देगा।
डिस्काउंट के बाद की कीमत पर टैक्स
अक्सर कंपनियां पुराने स्टॉक को खत्म करने के लिए डीलरों को छूट देती हैं। उदाहरण के लिए यदि किसी मोबाइल फोन की कीमत 20,000 रुपये है और कंपनी 10% डिस्काउंट देती है तो डीलर उसे 18,000 रुपये में बेचेगा। पहले टैक्स अधिकारी यह मानते थे कि जीएसटी(GST) पूरी 20,000 रुपये पर लगेगा।
अब विभाग ने साफ कर दिया है कि यदि छूट सीधे डीलर को दी जाती है तो टैक्स केवल 18,000 रुपये पर ही लगेगा। इस बदलाव से कंपनियों और डीलरों के बीच टैक्स विवाद घटेंगे और बिक्री भी सुगम होगी।
कब पूरी कीमत पर लगेगा टैक्स
कुछ स्थितियों में कंपनियां डिस्काउंट डिस्ट्रीब्यूटर के जरिए देती हैं, न कि सीधे डीलर को। ऐसे मामलों में टैक्स मूल कीमत यानी 20,000 रुपये पर ही लगेगा क्योंकि डीलर और कंपनी के बीच कोई प्रत्यक्ष समझौता नहीं होता।
केपीएमजी इंडिया में इनडायरेक्ट टैक्स के नेशनल हेड अभिषेक जैन ने कहा कि यह सर्कुलर मैन्युफैक्चरर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स और डीलरों सभी को निश्चितता देगा। उनके अनुसार, इस कदम से पारदर्शिता बढ़ेगी और पुराने विवाद कम होंगे।
जीएसटी का नया नियम कब से लागू होगा?
जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में तय किए गए बदलाव 22 सितंबर से प्रभावी होंगे। इसके बाद डिस्काउंट संबंधी सभी लेन-देन पर नया नियम लागू रहेगा।
डीलरों को क्या फायदा मिलेगा?
डीलरों को टैक्स केवल वास्तविक बिक्री मूल्य पर चुकाना होगा। इससे उन्हें कम बोझ पड़ेगा और ग्राहकों को भी उत्पाद सस्ते मिल सकेंगे।
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