Gujarat में बनेगा नया उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र, कच्छ और धोलेरा को किया गया चयनित
भारत की अंतरिक्ष शक्ति को और मज़बूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। Gujarat सरकार ने राज्य में उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र (Satellite Launch Center) स्थापित करने के लिए कच्छ और धोलेरा को संभावित स्थानों के रूप में चुना है।
इस फैसले से न केवल राज्य की तकनीकी क्षमता में इजाफा होगा, बल्कि रोजगार, निवेश और स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी नई संभावनाएं खुलेंगी।

मुख्य बातें (Bullet Points में):
- Gujarat सरकार ने ISRO और अन्य विशेषज्ञ एजेंसियों के सहयोग से संभावित साइटों का निरीक्षण किया।
- कच्छ और धोलेरा को भौगोलिक और पर्यावरणीय आधार पर उपयुक्त पाया गया।
- इस पहल से भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान और उपग्रह प्रक्षेपण क्षमता को नई गति मिलेगी।
- यह केंद्र ISRO की क्षमता का विस्तार करेगा और निजी स्पेस कंपनियों के लिए भी उपयोगी होगा।
- केंद्र के लिए जमीन अधिग्रहण और प्रारंभिक सर्वेक्षण कार्य जल्द शुरू होगा।
केंद्र क्यों ज़रूरी है?
भारत फिलहाल अपने अधिकांश सैटेलाइट श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च करता है। हालांकि, अंतरिक्ष अभियानों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ नई प्रक्षेपण स्थलों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।
धोलेरा और कच्छ का चयन क्यों?
- भौगोलिक स्थिति: समुद्र तट के नज़दीक होने से रॉकेट की उड़ान सुरक्षित रहती है।
- कम जनसंख्या घनत्व: जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएं कम होती हैं।
- अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर: विशेष रूप से धोलेरा में विकसित हो रहे स्मार्ट सिटी के तहत।

संभावित लाभ:
- स्पेस टेक्नोलॉजी में निवेश में वृद्धि
- रोज़गार के नए अवसर
- स्टार्टअप्स और निजी स्पेस कंपनियों को सहयोग
- वैज्ञानिक अनुसंधान और इनोवेशन को प्रोत्साहन
केंद्र से जुड़ी अगली योजनाएं:
- Gujarat सरकार और केंद्र सरकार मिलकर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर काम कर सकती हैं।
- प्रक्षेपण केंद्र के साथ एक स्पेस इनोवेशन हब भी विकसित किया जा सकता है।
- केंद्र में शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
Gujarat में उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र की स्थापना की योजना भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए एक रणनीतिक और भविष्यद्रष्टा कदम है। यह कदम न केवल राज्य को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगा, बल्कि भारत को स्पेस सुपरपावर बनाने की दिशा में भी अहम साबित होगा।