Gupt Navratri 2025: साल में दो बार आने वाली गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह नवरात्रि माघ और आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होती है।
साल 2025 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की प्रारंभ 26 जून को होगी। इसी दिन घटस्थापना की जाती है, जो देवी पूजा की प्रारंभ मानी जाती है।
इस दिन घटस्थापना के लिए प्रातः 5:26 से 6:58 तक का वक्त सर्वश्रेष्ठ रहेगा। यदि इस मुहूर्त में घटस्थापना न कर पाएं तो अभिजीत मुहूर्त (11:56 से 12:53 बजे दोपहर) में भी यह कार्य किया जा सकता है।

गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) की विशिष्ट बात यह है कि इसमें माता दुर्गा के नौ रूपों के बजाय दस महाविद्याओं की गुप्त साधना की जाती है। यह साधना खास तौर से तांत्रिक, साधक और मंत्र-सिद्धि चाहने वालों के लिए लाभकारी मानी जाती है।
दस महाविद्याओं की पूजा और साधना का महत्व
Gupt Navratri 2025: गुप्त नवरात्रि के दौरान साधक दस महाविद्याओं की पूजा करते हैं:
काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी। इन देवियों की साधना से शक्ति, ज्ञान, रूप, कला और मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है।

इस दौरान श्री दुर्गा सप्तशती, देवी महात्म्य, दुर्गा चालीसा का पाठ मंगल उपजाऊ होता है। यदि पाठ संभव न हो तो केवल ध्यान, जप और सात्विक जीवनशैली अपनाकर भी मंगल ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।
गुप्त नवरात्रि में दान-पुण्य का विशेष महत्व है। जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धार्मिक ग्रंथ दान करने से देवी माँ की खास कृपा प्राप्त होती है।