हनुमान जयंती का पावन पर्व चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि को है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वीर हनुमान जी रुद्रावतार हैं, उनका जन्म राम काज को पूरा करने के लिए हुआ. इस बार हनुमान जयंती के दिन भद्रा का साया है.
हनुमान जी की पूजा का महत्व: हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है, जो भक्ति, साहस, और शक्ति के प्रतीक माने जाते हैं। इस दिन उनकी पूजा से समस्त दुखों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
भद्रापरिनिर्दिष्ट मुहूर्त: इस वर्ष हनुमान जयंती पर भद्रा का साया रहेगा, जिसका विशेष ध्यान रखते हुए पूजा विधि का पालन करना जरूरी है। भद्रा के दौरान पूजा और अन्य कार्यों को अवश्य न करें।
2. हनुमान जयंती पर पूजा सामग्री:
- मुख्य पूजा सामग्री:
- कलश: पवित्रता और समृद्धि के लिए।
- चंदन: भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए।
- शहद: यह स्वास्थ्य और सुख की निशानी है।
- लाल रंग के फूल: हनुमान जी को लाल रंग प्रिय है।
- दीपक: पूजा में दीपक का महत्व अत्यधिक है।
- गुलाल: यह खुशी और समृद्धि का प्रतीक होता है।
- पंचामृत: घी, दूध, दही, शहद और शक्कर का मिश्रण।
- धूप: मंदिर या घर में शांति और पुण्य की वृद्धि हेतु।
- वस्त्र और आभूषण: पूजा में नए और स्वच्छ वस्त्र पहनने का महत्व है। साथ ही, हनुमान जी की पूजा में ताम्र और चांदी के आभूषण चढ़ाने की परंपरा है।
3. पूजा विधि:
- स्नान और शुद्धता: सबसे पहले, भक्तों को शुद्ध होकर स्नान करना चाहिए।
- सकल पूजा की तैयारी: सभी पूजा सामग्री को एकत्रित करें और पूजा स्थल को स्वच्छ करें।
- मंत्रोच्चारण: हनुमान जी के मंत्रों का जाप किया जाता है। प्रमुख मंत्र है – “ॐ हं हनुमते नम:।”
- हनुमान चालीसा का पाठ: हनुमान चालीसा का पाठ इस दिन विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। इसे पढ़ने से संकटों का निवारण होता है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।
- अर्जुन व्रत (व्रत का पालन): हनुमान जयंती पर व्रत रखना और हनुमान जी के भव्य रूप का ध्यान करना अत्यधिक फलदायी होता है।
4. हनुमान जयंती 2025 मुहूर्त:
- महत्वपूर्ण मुहूर्त: हनुमान जयंती 2025 पर विशेष मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक है। भद्रापरिनिर्दिष्ट मुहूर्त में पूजा करना उचित है। इसलिए, मुहूर्त की पुष्टि के लिए पं. या ज्योतिषाचार्य से सलाह लें।
- हनुमान जयंती के दिन विशेष पूजा का समय: पूजा का आदर्श समय दिन में सुबह 8 बजे से 10 बजे तक होता है, जो कि भद्रा के साए से मुक्त रहता है।
5. विशेष मंत्र:
- हनुमान जी के प्रमुख मंत्र:
- “ॐ हं हनुमते नम:।”
- “ॐ रामदूताय नम:।”
- “ॐ श्री हनुमानजी महराज की जय।”
- हनुमान चालीसा: हनुमान चालीसा का पाठ दिनभर करते हुए हनुमान जी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। इसे विशेष रूप से दिन में 108 बार जपने से मानसिक शांति और आंतरिक बल मिलता है।
6. हनुमान जयंती पर विशेष ध्यान देने योग्य बातें:
- भद्राकाल का ध्यान रखें: इस वर्ष, हनुमान जयंती पर भद्राकाल का साया रहेगा, इसलिए पूजा के समय का ध्यान रखना जरूरी है। भद्राकाल में पूजा करने से अशुभ फल मिल सकते हैं।
- व्रत और उपवासी रहना: हनुमान जयंती पर उपवास रखना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। यह मानसिक और शारीरिक शुद्धि के लिए होता है।
7. हनुमान जयंती के पश्चात:
- प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करना, यह शुभ होता है। हलवा, तली हुई चीजें, और अन्य खाद्य सामग्री वितरित की जाती है।
- भक्ति संगीत: भजन, कीर्तन, और अन्य भक्ति संगीत का आयोजन करना हनुमान जी की विशेष कृपा को प्राप्त करने का एक अच्छा तरीका है।
निष्कर्ष: हनुमान जयंती के दिन पूजा विधि का पालन करना और उचित समय में पूजा करना अत्यधिक लाभकारी है। इस दिन विशेष रूप से भक्ति भाव से हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शक्ति प्राप्त होती है।