रेवंत रेड्डी से कार्रवाई की मांग की
हैदराबाद। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ बीआरएस नेता टी हरीश राव (Harish Rao) ने गुरुकुल स्कूलों की गंभीर समस्याओं की ओर आंखें मूंद लेने के लिए कांग्रेस सरकार की कड़ी आलोचना की है। यहां तक कि छात्रों ने बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर पदयात्राएं भी निकाली हैं। जोगुलम्बा गडवाल ज़िले के आलमपुर स्थित गुरुकुल स्कूल के छात्रों द्वारा हाल ही में की गई पदयात्रा का ज़िक्र करते हुए, हरीश राव ने कहा कि यह शर्मनाक है कि जिन बच्चों को कक्षाओं में होना चाहिए, वे भोजन, पानी और सम्मान के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री (CM) ए. रेवंत रेड्डी की आलोचना करते हुए कहा कि वे चुनावी फ़ायदे के लिए राजनीति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और भावी पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण शिक्षा क्षेत्र की उपेक्षा कर रहे हैं।
छात्रों की चिंताओं का समाधान करने के बजाए उन्हें खदेड़ा जा रहा
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, ‘रेवंत रेड्डी, जो सवाल पूछने वालों पर भड़क उठते हैं, उन्हें अब इन बच्चों को जवाब देना चाहिए। उन्हें उनकी शिकायतों का समाधान करना चाहिए।’ बीआरएस नेता ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अपनी असली रंगत दिखा रही है और प्रदर्शनकारी छात्रों की चिंताओं का समाधान करने के बजाय उन्हें पुलिस के ज़रिए जबरन खदेड़ रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ़ ‘हमें न्याय चाहिए’ का नारा लगाने पर उन्हें पुलिस की गाड़ियों में ठूँस-ठूँस कर भर दिया जा रहा है। हरीश राव ने मांग की कि मुख्यमंत्री तुरंत आलमपुर जाएँ , छात्रों से सीधे ज्ञापन लें और सुधारात्मक कदम उठाएँ। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा सरकारी आवासीय कल्याण विद्यालयों में बढ़ती खाद्य विषाक्तता, छात्रों की मौतों और अन्य मुद्दों पर रिपोर्ट माँगे जाने के बाद भी सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई है।

कांग्रेस की उत्पत्ति कैसे हुई थी?
ब्रिटिश राज के दौरान भारतीयों की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने और संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से 1885 में ए.ओ. ह्यूम की पहल पर कांग्रेस की स्थापना हुई। प्रारंभ में यह संगठन जनहित के मुद्दे उठाने और प्रशासन से सुधार की मांग करने का मंच था।
कांग्रेस ने देश को क्या दिया था?
आज़ादी की लड़ाई में नेतृत्व प्रदान करने के साथ-साथ कांग्रेस ने संविधान निर्माण, लोकतंत्र की स्थापना और सामाजिक-आर्थिक सुधारों की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल कीं। हरित क्रांति, पंचायती राज और आरक्षण नीति जैसे प्रयास भी इसी की देन हैं।
1969 में कांग्रेस के फुट के क्या कारण थे?
नेतृत्व संघर्ष, विचारधारा में मतभेद और राष्ट्रपति चुनाव के समय उम्मीदवार को लेकर टकराव मुख्य कारण बने। इंदिरा गांधी और पुराने कांग्रेसी नेताओं के बीच अधिकार और नियंत्रण की लड़ाई ने पार्टी को दो भागों में बाँट दिया – कांग्रेस (ओ) और कांग्रेस (आर)।
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