हरियाणा विधानसभा ने अवैध ट्रैवल एजेंटों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए एक नया विधेयक पारित किया है। इसके तहत बिना पंजीकरण के ट्रैवल एजेंसियों का संचालन दंडनीय अपराध माना जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्पष्ट किया कि सरकार ऐसे एजेंटों पर सख्त कार्रवाई करेगी जो युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। यह विधेयक 18 मार्च को पेश किया गया था और लंबी चर्चा के बाद इसे पारित किया गया। विपक्ष ने इसे और अधिक सुझावों के लिए प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी।
अवैध प्रवासन और ‘डंकी रूट’
यह कानून ऐसे समय में आया है जब अमेरिका द्वारा कई अवैध भारतीय प्रवासियों को निर्वासित किया गया है। इनमें से अधिकांश पंजाब और हरियाणा से थे, जो अवैध रूप से ‘डंकी रूट’ के माध्यम से अमेरिका पहुंचे थे। यह एक खतरनाक तरीका है जिसका उपयोग ट्रैवल एजेंट विदेश भेजने के लिए करते हैं।

हरियाणा सरकार ने वापस लिया ट्रैवल एजेंट विधेयक
हाल ही में, हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार की आपत्तियों के मद्देनजर हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण एवं विनियमन विधेयक, 2024 को वापस ले लिया। सरकार ने यह निर्णय लिया कि वह नए अधिनियमित आपराधिक कानूनों के अनुरूप आवश्यक संशोधन करने के बाद एक नया विधेयक पेश करेगी, जिससे कानून अधिक प्रभावी और व्यापक बनाया जा सके।
ट्रैवल एजेंटों की पारदर्शिता और जवाबदेही होगी सुनिश्चित
बुधवार, 26 मार्च को सदन में पारित विधेयक में ट्रैवल एजेंटों की पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के साथ-साथ उनकी अवैध और धोखाधड़ी वाली गतिविधियों पर रोक लगाने के प्रावधान शामिल हैं। इस कानून का उद्देश्य हरियाणा के नागरिकों के हितों की रक्षा करना और उन्हें सुरक्षित यात्रा सेवाएं प्रदान करना है।