औऱंगजेब मुद्बें पर हाल ही में नागपुर में भड़की हिंसाके बाद आरएसएस के इस मसले पर काफी नपी तुली जवाब देखकर क्या यही समझा जाए कि औरंगजेब मुद्दे पर आरएसएस पल्नेला झाड लिया है। हाल के दिनों में बेंगलुरू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में औरंगहज़ेब पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने कहा, ”मैं समझता हूं कि आज के दौर में वो प्रासंगिक नहीं हैं. समाज के लिए किसी भी तरह की हिंसा ठीक नहीं है.’।

औरंगज़ेब की कब्र को हटाने को लेकर भड़की थी हिंसा
महाराष्ट्र के संभाजीनगर ज़िले में औरंगज़ेब की कब्र को हटाने के लिए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल समेत कुछ हिंदूवादी संगठनों के प्रदर्शन के बाद फैली कथित अफवाह के बाद सोमवार की रात नागपुर के महाल इलाके में हिंसा भड़क उठी थी और कुछ पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में नागपुर हिंसा पर बयान दिया था और हिंसा के लिए हाल में आई फिल्म ‘छावा’ को ज़िम्मेदार ठहराया था.।उन्होंने कहा था कि फिल्म में शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज पर औरंगज़ेब के अत्याचार को दिखाया गया है। इससे लोगों की भावनाएं भड़क उठींहालांकि आंबेकर ने ‘छावा से लोगों में औरंगज़ेब के प्रति नाराज़गी होने’ में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया.आरएसएस के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि हिंसा नागपुर में आरएसएस के मुख्यालय से काफी दूर हुई है.
यहां तक कि आंबेकर ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरएसएस मुख्यालय के दौरे के बारे में भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.उन्होंने कहा कि प्रधानंमत्री के संघ के मुख्यालय के दौरे में कुछ भी असामान्य नहीं हैउन्होंने कहा, ”उनका स्वागत है. अटल बिहारी वाजपेयी भी संघ के मुख्यालय गए थे.”
आंबेकर ने इस सवाल को ख़ारिज कर दिया कि संघ की शाखाओं में आने वालों की संख्या (एबीपीएस सम्मेलन के आख़िर में इसके आंकड़े जारी करेगी) घट रही है.

औरंगज़ेब को लेकर क्या है विवाद
नागपुर में सोमवार को जो हिंसा हुई उसका संबंध महाराष्ट्र के संभाजीनर ज़िले (पहले औरंगाबाद ज़िला) से 25 किलोमीटर दूर खु़ल्दाबाद में सत्रहवीं सदी के मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब की कब्र से हमुग़ल बादशाह औरंगज़ेब की मृत्यु 1707 में अहिल्यानगर (तत्कालीन अहमदनगर) में हुई. उसके बाद उनका पार्थिव शरीर ख़ुल्दाबाद लाया गया.।पिछले कुछ समय से विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल समेत कुछ सहयोगी संगठन इस कब्र को यहां से हटाने की मांग कर रहे हैं.
उनका कहना है मुगल बादशाह औरंगज़ेब ने लोगों पर जुल्म ढाया और मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी महाराज को यातनाएं देकर मार डाला था. इसलिए ऐसे शासक की कब्र यहां नहीं होनी चाहिए.
सोमवार को ही इस कब्र को यहां से हटाने की मांग लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मराठवाड़ा में प्रदर्शन किए थेइसी प्रदर्शन के बारे में कथित तौर पर अफवाह फैली थी कि प्रदर्शनकारियों ने औरंगज़ेब की कब्र में रखे एक पवित्र प्रतीक को नुक़सान पहुंचाया था.इसके बाद मंगलवार को नागपुर के महाल इलाके में कुछ लोगों ने दुकानों में तोड़-फोड़ शुरू कर दी और कई वाहनों में आग लगा दी