धरती पर स्वर्ग कहे जाने वाले स्विस आल्प्स में भयानक प्राकृतिक आपदा ने सबको चौंका दिया। लोत्सचेंटल घाटी के पास स्थित ब्लैटन नामक गांव पूरी तरह तबाह हो गया जब एक विशाल ग्लेशियर टूटकर बर्फ, कीचड़ और चट्टानों के मलबे के साथ तेज़ी से नीचे आया.
धरती पर स्वर्ग कहे जाने वाले स्विस आल्प्स में बुधवार को भयानक प्राकृतिक आपदा ने सबको चौंका दिया। लोत्सचेंटल घाटी के पास स्थित ब्लैटन नामक गांव पूरी तरह तबाह हो गया जब एक विशाल ग्लेशियर टूटकर बर्फ, कीचड़ और चट्टानों के मलबे के साथ तेज़ी से नीचे आया और पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया। घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए करीब 300 लोगों और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया।
मलबे में समाया गांव का 90% हिस्सा, 1 व्यक्ति लापता
प्रशासन के अनुसार ब्लैटन गांव का लगभग 90% भाग भूस्खलन की चपेट में आ गया है। इस आपदा में एक 64 वर्षीय स्थानीय निवासी अभी भी लापता हैं जिनकी तलाश थर्मल कैमरों से लैस ड्रोन के ज़रिए लगातार की जा रही है। ब्लैटन के मेयर मथियास बेलवाल्ड ने हुए भावुक होकर कहा, हमारा गांव अब नहीं रहा। हम इसे दोबारा बनाएंगे लेकिन यह एक कठिन और लंबी प्रक्रिया होगी।
नदी में मलबा, बाढ़ का बढ़ा खतरा
इस भयानक आपदा के कारण गांव के पास से बहने वाली लोन्जा नदी भी मलबे से भर गई है जिससे नदी का प्राकृतिक बहाव रुक गया है और संभावित बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। स्विस पर्यावरण मंत्री अल्बर्ट रोस्टी ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि हालात और बिगड़ सकते हैं इसलिए सतर्कता बनाए रखना बेहद ज़रूरी है।
पूर्व चेतावनी के बावजूद आपदा : जलवायु परिवर्तन मुख्य वजह
रिपोर्ट्स के अनुसार भूगर्भ वैज्ञानिकों ने पहले ही इस ग्लेशियर के अस्थिर होने की चेतावनी दी थी। यह आशंका जताई गई थी कि करीब 15 लाख घन मीटर बर्फ और चट्टानें नीचे गिर सकती हैं। इसी पूर्व चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने पहले ही इलाके से लोगों को हटा लिया था जिससे कई जानें बच गईं।
स्विट्जरलैंड और यूरोप के अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों से भूस्खलन, ग्लेशियर टूटने और पर्माफ्रॉस्ट (स्थायी रूप से जमी हुई मिट्टी) पिघलने की घटनाओं में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।
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