HC: तेलंगाना उच्च न्यायालय से मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को राहत

By Ajay Kumar Shukla | Updated: July 18, 2025 • 11:08 PM

हैदराबाद। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री (Chief Minister) रेवंत रेड्डी को एक आपराधिक मामले में राहत दी है। उनके खिलाफ गच्चीबावली पुलिस थाने में दर्ज आपराधिक मामला (Criminal case) उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है। वर्तमान मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, उनके भाई कोंडल रेड्डी और उनके अनुयायियों ने 2016 में रंगारेड्डी जिले के सेरिलिंगमपल्ली मंडल के आईटी हब गोपन्नापल्ली में हाउसिंग सोसाइटी की 31 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण करने की कथित तौर पर कोशिश की थी। तत्कालीन टीपीसीसी कार्यकारी अध्यक्ष रेवंत रेड्डी के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था।

अदालत में आरोप-पत्र भी दाखिल किया गया

शिकायतों के अनुसार, रेवंत रेड्डी, उनके भाई और अनुयायियों ने कथित तौर पर सोसाइटी के सदस्यों को धमकाकर और जमीन से जुड़े लोगों का अपमान करके बिना किसी अधिकार या अनुमति के विवादित सोसाइटी की जमीन का इस्तेमाल करने की कोशिश की। पीड़ितों की शिकायत के आधार पर, गच्चीबावली पुलिस ने रेवंत और अन्य के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार का मामला दर्ज किया। भूमि विवाद को लेकर अदालत में आरोप-पत्र भी दाखिल किया गया था

राजनीतिक लाभ के लिए जानबूझकर मामला दर्ज किया गया

हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई शुरू की। रेवंत के वकीलों ने अदालत में दलील दी कि वे सोसाइटी के भूमि विवाद में शामिल नहीं थे और कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए उनके खिलाफ जानबूझकर मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने इसी मामले में 2019 में अदालत में एक और आरोप-पत्र दाखिल किया। रेवंत के वकीलों ने इस मामले में कानूनी कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करते हुए दलीलें दीं। रेवंत की दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने कोई औपचारिक आरोप तय नहीं किए।

राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया

जवाब में, हाउसिंग सोसाइटी के वकीलों ने रेवंत पर इस मामले में अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने तत्कालीन बीआरएस सरकार को सोसाइटी के भूमि विवाद पर एक रिपोर्ट तैयार कर निचली अदालत में पेश करने का आदेश दिया। इस मामले की सुनवाई चल रही थी, तभी रेवंत ने 2020 में फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने सोसाइटी भूमि विवाद मामले में अपने खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने के लिए याचिका दायर की। अदालत ने 20 जून को याचिका पर सुनवाई शुरू की और 17 जुलाई तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

कोर्ट ने सीएम के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को खारिज कर दिया

अदालत में हुई सुनवाई में, उच्च न्यायालय ने कहा कि राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया थे। उसने कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप उचित सबूतों पर आधारित नहीं थे। अदालत ने गच्चीबावली थाने में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को खारिज कर दिया।

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