health: गर्मियों में पेट की समस्याएं क्यों बढ़ती हैं?

By digital@vaartha.com | Updated: April 14, 2025 • 11:40 AM

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गर्मियों में अक्सर अपच हो जाती है। गर्मियों ज्यादा तेल-मसाले वाली या मैदे वाली चीजें खा लीं तो पेट खराब हो सकता है। कई बार कुछ चीजें खाने के बहुत देर बाद तक अहसास होता रहता है कि जैसे खाना पचा ही नहीं है। कई बार मतली-उल्टी की समस्या भी हो सकती है।

गर्मी में टेम्परेचर बढ़ने पर शरीर के कामकाज पर सीधा असर पड़ता है। शरीर का अपना थर्मोडायनेमिक्स सिस्टम होता है। इसका काम शरीर का टेम्परेचर 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास मेंटेन करना है। जब गर्मी में एनवायरन्मेंटल टेम्परेचर 37 डिग्री सेल्सियस से पार जाता है तो शरीर अपना टेम्परेचर मेंटेन करने के लिए काम शुरू कर देता है। ऐसे में पाचन से उसका ध्यान हट जाता है और ये समस्याएं होने लगती हैं।

साइंस डायरेक्ट में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, दूसरे किसी मौसम के मुकाबले गर्मियों में अपच के ज्यादा मामले सामने आते हैं। इसके कारण गैस, बदहजमी, कब्ज और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। गर्मी बढ़ रही है और पेट से जुड़ी समस्याएं भी शुरू हो गई हैं।

आंतों के पास नहीं होता पर्याप्त ब्लड

गर्मियों में शरीर अपना टेम्परेचर कंट्रोल करने के लिए ब्लड का ज्यादातर हिस्सा स्किन की तरफ ट्रांसफर कर देता है। ब्लड की मदद से स्किन पसीना बाहर निकालती है और शरीर खुद को कूल करता है। इसके चलते आंतों के पास पर्याप्त ब्लड नहीं पहुंच पाता है। इसलिए पाचन में मुश्किल होती है।

गर्मियों में खाना देर से क्यों पचता है?

1. शरीर का ध्यान खुद को ठंडा रखने में होता है

जब एनवायर्नमेंट का टेम्परेचर 37 डिग्री या उससे ऊपर चला जाता है तो शरीर खुद को ठंडा रखने के लिए पसीना निकालता है। इसके लिए स्किन में ब्लड फ्लो बढ़ाना होता है। इसके कारण पेट में ब्लड फ्लो कम हो जाता है और खाना धीरे पचता है।

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