Hyderabad : बिना लाइसेंस वाले पुनर्वास केंद्र के खिलाफ उच्च न्यायालय ने दिया कार्रवाई का आदेश

By Kshama Singh | Updated: July 30, 2025 • 11:04 PM

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने दिया आदेश

हैदराबाद। तेलंगाना उच्च न्यायालय (Telangana High Court) के न्यायमूर्ति नागेश भीमपाका (Justice Nagesh Bhimapaka) ने मेडचल-मलकजगिरी जिले में कथित रूप से बिना लाइसेंस के चल रहे पुनर्वास केंद्र के खिलाफ कार्रवाई करने में स्वास्थ्य अधिकारियों की विफलता पर सवाल उठाने वाली एक रिट याचिका स्वीकार कर ली। यह याचिका कमला देवी द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने यह जानने के बाद न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था कि उनके पति को कीसरा मंडल के दम्मईगुडा स्थित साई प्रगति पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया गया है , लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि इस संस्थान के पास वैधानिक अनुमोदन नहीं है

नहीं की गई कोई सार्थक कार्रवाई

याचिकाकर्ता के अनुसार, जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशक सहित अन्य अधिकारियों को ज्ञापन देने के बावजूद, कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की ताकि उनकी निष्क्रियता को असंवैधानिक और उचित प्रक्रिया के सिद्धांतों के विपरीत घोषित किया जा सके। सुनवाई के दौरान, यह बात सामने आई कि जन स्वास्थ्य विभाग ने स्वीकार किया था कि पुनर्वास केंद्र बिना वैध लाइसेंस के चल रहा था। हालाँकि केंद्र ने पंजीकरण के लिए आवेदन जमा कर दिया था, लेकिन अधिकारियों ने बताया कि प्रक्रिया अधूरी है। ज़िला कलेक्टर को दी गई शिकायत के बाद कथित तौर पर एक तथ्य-खोजी जाँच की गई और एक रिपोर्ट दाखिल की गई।

रिपोर्ट प्राप्त करने का दिया निर्देश

इन प्रस्तुतियों पर ध्यान देते हुए, न्यायमूर्ति भीमपाका ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए और सरकारी वकील को लाइसेंसिंग आवश्यकताओं के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों सहित केंद्र की वर्तमान स्थिति पर एक रिपोर्ट प्राप्त करने का निर्देश दिया।

उच्च न्यायालय किसे कहते हैं?

राज्य स्तर पर न्याय देने वाली सर्वोच्च अदालत को उच्च न्यायालय कहा जाता है। यह नागरिक, आपराधिक, संवैधानिक और प्रशासनिक मामलों में न्याय प्रदान करती है। प्रत्येक राज्य या राज्यों के समूह के लिए एक उच्च न्यायालय होता है, जो भारतीय संविधान के अंतर्गत स्थापित होता है।

भारत में उच्च न्यायालय का जनक कौन था?

ब्रिटिश शासक और विधिवेत्ता लॉर्ड एल्गिन को भारत में HC प्रणाली का प्रारंभिक जनक माना जाता है। 1861 के भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम के तहत लॉर्ड एल्गिन के शासनकाल में ही पहले उच्च न्यायालयों की स्थापना की गई थी।

उच्च न्यायालय की स्थापना कब हुई?

1862 में भारत के पहले तीन HC — कलकत्ता, बॉम्बे और मद्रास — की स्थापना हुई। इन्हें ब्रिटिश संसद के भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम, 1861 के अंतर्गत गठित किया गया था। कलकत्ता HC सबसे पहला HC था।

Read Also : Nirmal : निर्मल कस्बे में तेंदुए के दिखने से हड़कंप

#BreakingNews #HindiNews #LatestNews Health Department Inaction Illegal Rehab Centre Justice Nagesh Bhimapaka Medchal-Malkajgiri District telangana high court