Madhya Pradesh High Court: वाहनों की जब्ती पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, कलेक्टर से छिना अधिकार

By digital@vaartha.com | Updated: April 23, 2025 • 11:36 AM

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अवैध कार्यों में जब्त वाहनों को राजसात करने के कलेक्टर के अधिकार को खत्म कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अब सिर्फ संबंधित ट्रायल कोर्ट ही ऐसे वाहनों को राजसात करने का आदेश

जबलपुर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अवैध कार्यों या अपराध में शामिल पकड़े गए वाहनों को राजसात करने के मामले में एक अहम आदेश दिया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अवैध शराब परिवहन में जब्त वाहनों को राजसात करने के कलेक्टर के अधिकार को खत्म कर दिया है। अब सिर्फ संबंधित ट्रायल कोर्ट ही ऐसे वाहनों को राजसात करने का आदेश दे सकेगी।

आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 47-ए असंवैधानिक 

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सुरेश कुमार कैत, जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और जस्टिस विवेक जैन की तीन जजों की बेंच ने मप्र आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 47-ए को असंवैधानिक करार दिया है। इस धारा के तहत कलेक्टर को यह अधिकार था कि वे आबकारी मामलों में जब्त वाहनों को राजसात कर सकें।

गौ-वंश प्रतिषेध अधिनियम को लेकर दिया ये आदेश

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि गौ-वंश प्रतिषेध अधिनियम के तहत भी जब्त वाहन को कलेक्टर तभी राजसात कर सकेंगे, जब ट्रायल कोर्ट दोष सिद्ध कर दे। यह फैसला सागर निवासी राजेश विश्वकर्मा और नरसिंहपुर के रामलाल झारिया द्वारा दायर याचिकाओं पर आया है। दोनों याचिकाओं में यह तर्क दिया गया था कि कई बार वाहन मालिक की जानकारी के बिना वाहन का दुरुपयोग होता है और लंबी ट्रायल प्रक्रिया के चलते वाहन थानों में खड़े-खड़े खराब हो जाते हैं, जिससे निर्दोष मालिक को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। कोर्ट ने यह आदेश उन सभी मामलों पर भी लागू किया है, जिनमें अभी तक राजसात की कार्रवाई नहीं हुई है या जिनमें अपील या पुनर्विचार याचिकाएं हाई कोर्ट में लंबित हैं।

क्या होती है राजसात की कार्रवाई?

राजसात का मतलब है किसी संपत्ति (जैसे कि वाहन या उपकरण) को सरकार की संपत्ति घोषित करना, जो किसी अपराध में इस्तेमाल की गई हो या जिसे सरकार ने जब्त किया हो। जब कोई व्यक्ति या संस्था किसी अपराध के लिए दोषी पाई जाती है, तो सरकार उस संपत्ति को जब्त कर सकती है और उसे सरकारी संपत्ति घोषित कर सकती है। इसे ही राजसात कहा जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि कोई वाहन अवैध रूप से खनिज उत्खनन या अवैध शराब परिवहन आदि मामलों में इस्तेमाल किया जाता है तो सरकार उस वाहन को राजसात कर सकती है।

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