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Breaking News: Hikal: हिकल के मालिकाना हक पर पारिवारिक संग्राम

Dhanarekha
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Breaking News: Hikal: हिकल के मालिकाना हक पर पारिवारिक संग्राम

बाबा कल्याणी और बहन आमने-सामने

नई दिल्ली: नई दिल्ली में हिकल(Hikal) कंपनी के मालिकाना हक को लेकर बड़ा पारिवारिक विवाद सामने आया है। भारत फोर्ज(Bharat Forge) के चेयरमैन बाबा कल्याणी और उनकी बहन सुगंधा हिरेमठ के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं। विवाद की जड़ अमित कल्याणी(Amit Kalyani) की हिकल(Hikal) में दोबारा नियुक्ति है। इस मसले पर ई-वोटिंग सोमवार को खत्म होगी और मंगलवार को परिणाम घोषित किए जाएंगे

हिस्सेदारी को लेकर खींचतान तेज

सुगंधा और उनके परिवार के पास हिकल(Hikal) में 35% हिस्सेदारी है, जबकि बाबा और उनके परिवार के पास 34% है। माना जा रहा है कि सुगंधा पक्ष अमित की दोबारा नियुक्ति का विरोध करेगा। वहीं, बाबा अपने बेटे का समर्थन करेंगे। बाकी 31% हिस्सेदारी नॉन-प्रमोटर्स के पास है, जिनका फैसला अहम भूमिका निभाएगा।

पिछले साल दिसंबर 2023 में बाबा कल्याणी शेयरधारकों का भरोसा न जीत पाने के कारण बोर्ड से बाहर हो गए थे। तब सुगंधा और उनके परिवार ने उनके खिलाफ वोट दिया था। इस बार भी यह देखना दिलचस्प होगा कि संस्थागत निवेशक किसका साथ देते हैं।

सलाहकार फर्मों में मतभेद

शेयरधारक सलाहकार फर्मों ने भी अमित की नियुक्ति पर अलग-अलग राय दी है। एसईएस ने उनके पक्ष में वोट करने की सलाह दी, जबकि आईआईएएस ने विरोध जताया है। आईआईएएस का कहना है कि प्रमोटर परिवारों को पहले विवाद सुलझाना चाहिए और उसके बाद ही बोर्ड में वापसी करनी चाहिए। इससे कंपनी के फैसलों और निवेशकों के हितों पर असर नहीं पड़ेगा।

इसी बीच, अमित कल्याणी ने जुलाई में शेफलर इंडिया के बोर्ड से इस्तीफा दिया था। वे भारत फोर्ज, कल्याणी स्टील्स और तीन अन्य कंपनियों में भी डायरेक्टर हैं। एसईएस का तर्क है कि उनकी जिम्मेदारियां भले ज्यादा दिखें, लेकिन सभी पद एक ही समूह में होने के कारण कामकाज पर असर नहीं पड़ेगा।

मामला पहुंचा अदालत तक

हिकल की नींव सुगंधा के पति जयदेव हिरेमठ ने रखी थी। उन्हें शुरुआती पूंजी बाबा और सुगंधा के पिता से मिली थी, जिसके बदले हिकल के शेयर सूरजमुखी नामक इकाई को जारी किए गए थे। बाद में समझौता हुआ कि ये शेयर हिरेमठ को लौटा दिए जाएंगे।

सुगंधा का आरोप है कि बाबा ने इस पारिवारिक समझौते का पालन नहीं किया और अपनी 34% हिस्सेदारी उन्हें ट्रांसफर नहीं की। अब यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में पहुंच गया है, जहां अक्टूबर में सुनवाई होगी। बाबा का कहना है कि ऐसा कोई समझौता हुआ ही नहीं था।

हिकल विवाद का मुख्य कारण क्या है?

मुख्य कारण परिवार के बीच शेयर ट्रांसफर को लेकर हुआ समझौता है। सुगंधा का दावा है कि बाबा को अपनी हिस्सेदारी उन्हें देनी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसी को लेकर अदालत में केस चल रहा है।

निवेशकों के लिए यह विवाद कितना अहम है?

यह विवाद निवेशकों की रणनीति और कंपनी की स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। अगर बोर्ड स्तर पर मतभेद बने रहते हैं तो बड़े फैसले टल सकते हैं, जिससे कंपनी के प्रदर्शन और शेयर कीमत पर असर पड़ सकता है।

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