गाज़ियाबाद, 15 सितम्बर 2025।
उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद (Gaziabad) जिले के मसौता (Masuta) गाँव में रविवार देर शाम एक मामूली सड़क दुर्घटना ने जातीय तनाव का रूप ले लिया। दलित और राजपूत समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए, जिससे गाँव में स्थिति अचानक बिगड़ गई। मामला इतना बढ़ा कि पथराव तक हुआ और हालात को काबू में करने के लिए पुलिस बल और पीएसी को तैनात करना पड़ा।
घटना कैसे शुरू हुई?
जानकारी के अनुसार, एक दलित युवक की बाइक गाँव के ही राजपूत समुदाय के कुछ युवकों की कार से टकरा गई। आरोप है कि इस टक्कर के बाद कार सवार युवकों ने बाइक सवार युवक को थप्पड़ मार दिए। घटना से नाराज़ युवक अपनी माँ के साथ आरोपी पक्ष के घर शिकायत दर्ज कराने पहुँचा, लेकिन वहाँ दोनों के साथ मारपीट की गई। इसी से गुस्सा फैल गया और गाँव में जातीय आधार पर तनाव गहराने लगा।
भीम आर्मी की एंट्री और बढ़ा तनाव
जैसे ही घटना की जानकारी फैली, भीम आर्मी के स्थानीय कार्यकर्ता और नेता मौके पर पहुँच गए। उनकी मौजूदगी से विवाद और भड़क गया। दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया। लोगों में अफरा-तफरी मच गई और गाँव का माहौल तनावपूर्ण हो गया।
पुलिस की कार्रवाई
तनाव की सूचना पर मसूरी थाना पुलिस मौके पर पहुँची और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पीएसी की तैनाती कर दी गई। पुलिस ने रातभर गाँव में गश्त की और लोगों को शांति बनाए रखने की अपील की।
- अब तक 8 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
- घटना के संबंध में एससी/एसटी एक्ट और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।
- अधिकारियों का कहना है कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और गाँव में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात है।
प्रशासन की अपील
मसूरी क्षेत्र के कार्यवाहक एसीपी अमित सक्सेना ने बताया कि रात करीब 8 बजे पथराव की सूचना मिली थी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर भीड़ को नियंत्रित किया। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और निर्दोष लोगों को परेशान नहीं किया जाएगा। प्रशासन ने दोनों समुदायों से संयम और शांति बनाए रखने की अपील की है।
गाज़ियाबाद की यह घटना एक बार फिर बताती है कि छोटे-से विवाद भी जातीय आधार पर बड़े संघर्ष का रूप ले सकते हैं। प्रशासन के सामने चुनौती सिर्फ आरोपियों को पकड़ने की नहीं, बल्कि दोनों समुदायों के बीच भरोसा और शांति कायम करने की भी है।
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