गाजियाबाद रेलवे स्टेशन की घटना, डीआरएम ने किया स्पष्ट
गाजियाबाद। रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को उस समय तनाव फैल गया जब प्लेटफॉर्म पर सौंदर्यीकरण परियोजना के तहत बनाई गई मुगल शासक औरंगजेब की पेंटिंग पर कालिख पोत दी गई। हिंदू रक्षा दल के सदस्यों ने औरंगजेब की पेंटिंग पर कालिख पोत दी और स्टेशन पर नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए और सार्वजनिक संपत्ति पर “मुस्लिम आक्रमणकारी” की पेंटिंग की मौजूदगी पर गुस्सा जताया।
प्रदर्शनकारियों ने की ऐसी छवियों को हटाने की मांग
हिंदू रक्षा दल के सदस्य विपिन राजपूत ने कहा कि वे ऐसे नीच व्यक्ति की तस्वीर नहीं देखना चाहते, जिसने उनके पूर्वजों के खिलाफ अत्याचार किए हों। प्रदर्शनकारियों ने ऐसी छवियों को हटाने की मांग करते हुए कहा कि यह देश महाला प्रताप, सूरजमल और ब्रह्मजी जैसे हमारे नायकों का है, उनके जैसे चोरों का नहीं।

बहादुर शाह जफर की थी पेंटिंग, औरंगजेब की नहीं
इस घटना के कारण मंच पर अराजकता फैल गई क्योंकि समूह ने कलाकृति को खराब कर दिया और अपना विरोध जारी रखा। हालांकि, दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) पुष्पेश रमन त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर कालिख पोती गई पेंटिंग मुगल शासक औरंगजेब की नहीं, बल्कि बहादुर शाह जफर की थी।
छावा फिल्म के आने के बाद औरंगजेब को लेकर छिड़ी बहस
गौरतलब हो कि औरंगजेब को लेकर बहस हाल ही में आई विक्की कौशल की फिल्म ‘छावा’ के बाद शुरू हुई है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे औरंगजेब ने मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े बेटे छत्रपति संभाजी महाराज पर जुल्म किए और उनकी निर्दयता से हत्या की थी। फिल्म में संभाजी महाराज की भूमिका विक्की कौशल ने निभाई है। संभाजी महाराज मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक थे। इस फिल्म के बाद पूरे देश में औरंगजेब को लेकर बहस छिड़ गई।
औरंगजेब पर होने लगी राजनीति
महाराष्ट्र में सपा के अध्यक्ष अबु आजमी ने औरंगजेब को महान प्रशासक बताया था। आजमी के बयान का न सिर्फ महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति की सरकार ने विरोध किया बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसे लेकर सख्त बयान दिया। यूपी के सीएम ने कहा कि आजमी को उत्तर प्रदेश भेज दिया जाना चाहिए उसका अच्छे से इलाज किया जाएगा और भी कई नेताओं के बयान ने इस बहस को तीखा कर दिया था।