7 Banned shocking films:बैन के बाद रिलीज हुईं ये देने वाली फिल्में

By digital@vaartha.com | Updated: March 28, 2025 • 12:18 PM

सेंसर बोर्ड ने पहले किया बैन, फिर रिलीज हुईं ये 7 बॉलीवुड फिल्में

भारतीय सिनेमा में क्रिएटिविटी को अक्सर सामाजिक और राजनीतिक सीमाओं का सामना करना पड़ता है। कुछ फिल्में इतनी बोल्ड, रियल या संवेदनशील विषयों पर आधारित होती हैं कि सेंसhttps://hindi.vaartha.com/र बोर्ड उन्हें सीधे बैन कर देता है। लेकिन कई बार दर्शकों और फिल्ममेकर्स की लड़ाई रंग लाती है और वही फिल्में बाद में रिलीज होकर समाज को झकझोर देने वाला संदेश देती हैं।

यहां हम बात कर रहे हैं 7 ऐसी बॉलीवुड फिल्मों की, जिन्हें पहले बैन किया गया और बाद में मिली हरी झंडी।

1. बैंडिट क्वीन (Bandit Queen)

निर्देशक: शेखर कपूर
कारण: नग्नता और असंवेदनशील दृश्य

फूलन देवी की जिंदगी पर आधारित इस फिल्म में बलात्कार, सामाजिक अन्याय और प्रतिशोध की कड़वी सच्चाई दिखाई गई। सेंसर बोर्ड ने इसे स्पष्ट रूप से बैन कर दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप और अंतरराष्ट्रीय सराहना के बाद फिल्म को रिलीज मिली।

2. उड़ता पंजाब (Udta Punjab)

निर्देशक: अभिषेक चौबे
कारण: ड्रग्स और राजनीतिक विवाद

पंजाब में ड्रग्स की समस्या पर आधारित इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने 89 कट्स के साथ पास करने की कोशिश की थी। लेकिन मेकर्स कोर्ट पहुंचे और फिल्म को लगभग बिना कट्स रिलीज किया गया।

3. फायर (Fire

निर्देशक: दीपा मेहता
कारण: समलैंगिक रिश्तों को दिखाना

1996 में आई इस फिल्म ने भारतीय समाज के एक बड़े तबके को झकझोर दिया। दो महिलाओं के बीच के संबंध को लेकर फिल्म पर बवाल हुआ, थिएटरों में तोड़फोड़ भी हुई, लेकिन अंततः इसे रिलीज किया गया।

4. परजानिया (Parzania)

निर्देशक: राहुल ढोलकिया
कारण: गुजरात दंगों पर आधारित

2002 के गुजरात दंगों की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म को कई राज्यों में रिलीज ही नहीं होने दिया गया। सेंसर बोर्ड से पास होने के बावजूद इसे राजनीतिक दबाव के कारण रोका गया। बाद में सीमित स्क्रीनिंग के साथ फिल्म रिलीज हुई।

5. पांच (Paanch)

निर्देशक: अनुराग कश्यप
कारण: हिंसा और ड्रग्स

अनुराग कश्यप की पहली फिल्म ‘पांच’ कभी सिनेमाघरों में रिलीज नहीं हो सकी। सेंसर बोर्ड ने इसके विषय को हिंसक और असामाजिक बताया। फिल्म इंटरनेट पर लीक हुई और वहां से इसे पहचान मिली।

6. ब्लैक फ्राइडे (Black Friday)

निर्देशक: अनुराग कश्यप
कारण: 1993 मुंबई बम धमाकों पर आधारित

फिल्म कोर्ट केस के चलते चार साल तक रिलीज नहीं हो सकी। 2007 में जब कोर्ट का फैसला आया, तब फिल्म को रिलीज किया गया। इसे आज भी सबसे रियलिस्टिक क्राइम फिल्मों में गिना जाता है।

7. कामसूत्र: अ टेल ऑफ लव (Kamasutra: A Tale of Love)

निर्देशक: मीरा नायर
कारण: यौन सामग्री और नग्न दृश्य

कामसूत्र के नाम से ही बवाल शुरू हो गया था। भारत में इसे बैन कर दिया गया, लेकिन विदेशों में इस फिल्म ने काफी सराहना बटोरी। बाद में कुछ कट्स के साथ इसे भारत में भी सीमित रूप से रिलीज किया गयइन फिल्मों ने सिर्फ सिनेमा के दायरे को नहीं बढ़ाया, बल्कि समाज के उन मुद्दों को सामने लाया जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। सेंसरशिप और रचनात्मक स्वतंत्रता के बीच की खींचतान में ये फिल्में एक बोल्ड स्टैंड लेकर आज भी चर्चा में हैं।

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