कांग्रेस ने बुधवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के बाहर विरोध प्रदर्शन किया । नेशनल हेराल्ड मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की चार्जशीट को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना की औऱ विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में 24, अकबर रोड स्थित एआईसीसी मुख्यालय के बाहर एकत्र हुए। “सोनिया गांधी जिंदाबाद”, “राहुल गांधी जिंदाबाद”, “तानाशाही नहीं चलेगी” और “मोदी-शाह जवाब दो” के नारे लगाए।
भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी और बैरिकेडिंग की गई थी। दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।
कांग्रेस के झंडे और “डर्रो मत” तथा “पूरा देश आपके साथ है” की तख्तियां लेकर प्रदर्शनकारी “ईडी के दम पर यह सरकार नहीं चलेगी” जैसे नारे लगा रहे थे।
प्रदर्शन में पार्टी नेताओं, सांसदों, कार्यकर्ताओं और कांग्रेस से जुड़े संगठनों के सदस्यों ने हिस्सा लिया।
9 अप्रैल को दाखिल किया गया था आरोप पत्र
ईडी ने मंगलवार को कहा था कि उसने नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 9 अप्रैल को आरोपपत्र दाखिल किया है। सोनिया और राहुल गांधी के अलावा आरोपपत्र में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को सह-आरोपी बनाया गया है।
सुब्रमण्यम स्वामी की 2014 की शिकायत पर आधारित
यह मामला, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की 2014 की शिकायत पर आधारित ह।, नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के कथित अधिग्रहण और उसके बाद यंग इंडियन को हस्तांतरित करने से संबंधित है। – एक ऐसी कंपनी जिसमें सोनिया और राहुल गांधी दोनों की 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई”
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोपपत्र को “राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई” कहा।,उन्होंने कहा यह 12 साल पुराना मामला है जिसमें “एक भी पैसा” का लेन-देन नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “वास्तविकता यह है कि सरकार गांधी परिवार और कांग्रेस को निशाना बना रही है। क्योंकि वे राहुल गांधी की राजनीति के ब्रांड से डरे हुए हैं।”
कई पार्टी नेताओं ने ईडी की कार्रवाई को हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों से जोड़ा। जिसमें राहुल गांधी का गुजरात दौरा और बिहार में विपक्षी एकता की पहल शामिल है।
भाजपा डरी हुई हैःइमरान प्रतापगढी
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने आरोपपत्र के समय की ओर इशारा करते हुए कहा, “क्या आपको घटनाक्रम समझ में नहीं आ रहा है? भाजपा डरी हुई है, क्योंकि उसका बहुमत खिसक रहा है।… 400 से अधिक से वे 240 पर आ गए हैं। अगर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पीछे हटते हैं, तो सरकार गिर जाएगी।”
राजनीति से प्रेरितःसचिन पायलट
कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने भी मामले को “राजनीति से प्रेरित” और तथ्यहीन बताया। उन्होंने कहा, “हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। इस मामले को बिना सबूत के सालों तक खींचा गया है। सरकार कोई ठोस सबूत पेश करने में विफल रही है। फिर भी हमारे नेतृत्व को निशाना बना रही है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से इस मामले से लड़ेगी।
661 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त
11 अप्रैल को, ईडी ने एजेएल से जुड़ी 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त करने की कार्यवाही शुरू की। इसने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में संपत्ति रजिस्ट्रार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत नोटिस जारी किए, उन्हें संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने का निर्देश दिया। चार्जशीट पीएमएलए की धारा 3 और 4 के तहत दायर की गई है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और संबंधित अपराधों से संबंधित है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने चार्जशीट का संज्ञान लिया है और मामले की सुनवाई 25 अप्रैल को तय की है।
राहुल औऱ कांग्रेस को नही डरा सकतीःदेवेन्द्र यादव
कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने कहा, “भाजपा सोचती है कि वह राहुल गांधी और कांग्रेस को डरा सकती है, लेकिन वे गलत हैं। अगर आज के भारत में कोई भी अपनी आवाज उठाने की हिम्मत करता है, तो सरकार ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल करके उन्हें कुचलने की कोशिश करती है।”
अन्य पार्टी नेताओं ने भी विरोध प्रदर्शन को लेकर कड़े शब्द कहे। अलका लांबा ने नेशनल हेराल्ड के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला । इसे “भारत के स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक” कहा, जो आजादी से पहले का है।
उन्होंने कहा, “पिछले दस सालों में वे कुछ भी साबित नहीं कर पाए हैं। अब वे सिर्फ झूठ फैला रहे हैं।”
विपक्षी दलों के बीच बढ़ती एकता से घबराई हुई है भाजपाःकांग्रेस नेता रागिनी नायक
रागिनी नायक ने भाजपा पर विपक्षी दलों के बीच बढ़ती एकता से घबराने का आरोप लगाया। उन्होंने पूछा, “जब भी मोदी को खतरा महसूस होता है, तो वे ईडी, पुलिस और सीबीआई को भेज देते हैं। यह एक गैर-लाभकारी कंपनी है – इसमें हेराफेरी कैसे हो सकती है?” आईवाईसी अध्यक्ष उदय भानु चिब ने इसे राजनीतिक बदले का स्पष्ट मामला बताया। “राहुल गांधी माफी नहीं मांगेंगे या पीछे नहीं हटेंगे। ईडी भाजपा का एक और हथियार बन गया है। लेकिन हम दबने वाले नहीं हैं।” सोनिया और राहुल गांधी 2015 से जमानत पर बाहर हैं। इस मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय दोनों ने बरकरार रखा है।लेकिन कांग्रेस का कहना है कि यह कानूनी योग्यता के बजाय राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित है।