ISKCON Dispute Update: सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हाई कोर्ट का आदेश
इस्कॉन ISKCON Dispute Update को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए मुंबई और बैंगलोर शाखाओं के बीच चल रहे लंबे विवाद पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के उस आदेश को पलट दिया है, जिसमें इस्कॉन बैंगलोर को स्वतंत्र संस्था माना गया था।
क्या है ISKCON Dispute Update का पूरा मामला?
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब इस्कॉन मुंबई और इस्कॉन बैंगलोर दोनों ने खुद को वास्तविक इस्कॉन संस्था बताया। दोनों संस्थाएं श्रील प्रभुपाद के निर्देशों का पालन करने का दावा करती हैं, लेकिन प्रशासनिक और आर्थिक मामलों में लंबे समय से विवाद चला आ रहा था।
इस्कॉन Dispute Update के अनुसार, मुंबई शाखा ने दावा किया कि बैंगलोर शाखा उनके नियंत्रण में आती है जबकि बैंगलोर शाखा ने खुद को अलग संस्था के रूप में प्रस्तुत किया।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई करते हुए इस्कॉन Dispute Update में यह स्पष्ट किया कि ISKCON बैंगलोर मुंबई संस्था के अंतर्गत ही आती है और उसे स्वतंत्र संस्था नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला कानून के अनुरूप नहीं था और उसे पलट दिया गया।
मुख्य बिंदु:
- सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को अस्वीकार किया
- ISKCON बैंगलोर अब ISKCON मुंबई के अधीन मानी जाएगी
- संपत्ति और अधिकारों का पुनर्वितरण किया जाएगा
इस फैसले का क्या असर होगा?
ISKCON Dispute Update के अनुसार, इस फैसले से इस्कॉन के अनुयायियों के बीच स्पष्टता आई है। अब पूरे भारत में एकीकृत ढांचे के तहत इस्कॉन के संचालन की संभावना बढ़ी है। यह फैसला धार्मिक संगठन की पारदर्शिता और वैधानिकता को मजबूत करता है।
पहले भी हुआ था विवाद
यह विवाद पिछले एक दशक से ज्यादा समय से चला आ रहा था।
इस्कॉन Dispute Update बताता है कि बैंगलोर शाखा और,
मुंबई शाखा के बीच कानूनी लड़ाई में कई बार समझौते की कोशिश की गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला था।
ISKCON Dispute Update अब समाप्ति की ओर बढ़ता दिख रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से विवाद का पटाक्षेप संभव हुआ है।
अब दोनों शाखाओं के अनुयायियों को एकजुट होकर श्रीकृष्ण की सेवा में जुटने का संदेश मिला है।