Modi Government Defence पिछले दशक में एयर डिफेंस सिस्टम कैसे हुआ मजबूत
पिछले दस वर्षों में Modi Government Defence के क्षेत्र में भारत ने ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सेना को न केवल आधुनिक हथियार और उपकरण मिले, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी ठोस कदम उठाए गए। खासतौर पर एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने में सरकार ने असाधारण काम किया, जिससे भारत की सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व रूप से मजबूत हो गई।
आधुनिक मिसाइल सिस्टम से बढ़ी ताकत
Modi Government Defence का सबसे बड़ा फोकस आधुनिक मिसाइल सिस्टम पर रहा। इनमें शामिल हैं:
- S-400 ट्रायम्फ सिस्टम: रूस से खरीदे गए इस मिसाइल सिस्टम ने भारत को 400 किमी दूर तक दुश्मन की मिसाइलों और एयरक्राफ्ट को नष्ट करने की क्षमता दी।
- AKASH मिसाइल सिस्टम: भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित यह सिस्टम कम दूरी की सुरक्षा प्रदान करता है।
- MR-SAM और QR-SAM: मध्यम और त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइलें, जिनसे भारतीय वायुसेना की रक्षा क्षमताएं बढ़ी हैं।
ये सभी हथियार Modi Government Defence का हिस्सा बनकर भारत की सीमाओं को सुरक्षित बनाते हैं।
Make in India का रोल
Modi Government Defence के तहत Make in India पहल को प्रमुखता दी गई, जिससे देश की रक्षा जरूरतों के लिए घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिला। इसके उदाहरण:
- स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस
- घरेलू उत्पादन वाले रडार और सर्विलांस सिस्टम
- भारतीय सेना के लिए बख्तरबंद वाहन
- एंटी-ड्रोन तकनीक
इससे न केवल लागत घटी, बल्कि भारत का रक्षा निर्यात भी बढ़ा।
मल्टी-लेयर एयर डिफेंस
Modi Government Defence ने एयर डिफेंस के लिए मल्टी-लेयर संरचना तैयार की, ताकि दुश्मन की किसी भी साजिश को पहले ही नाकाम किया जा सके। उदाहरण:
- Astra मिसाइल: एयर-टू-एयर मुकाबले के लिए
- BARAK-8: नौसेना की रक्षा के लिए
- इंटरसेप्टर मिसाइल: बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में ही खत्म करने के लिए
यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि कोई भी खतरा सीमा पर टिक न सके।
अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
Modi Government Defence की मजबूती का असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिखा। पाकिस्तान को अब भारतीय एयर स्पेस में घुसने से डर लगता है, जबकि चीन भी भारतीय तैयारियों के आगे सतर्क हो गया है।
- बालाकोट स्ट्राइक ने दुनिया को भारत की आक्रामक क्षमता दिखाई।
- डोकलाम विवाद में भारतीय सेना की मजबूत स्थिति ने चीन को पीछे हटने पर मजबूर किया।
इन घटनाओं ने साबित किया कि भारत अब सिर्फ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति के लिए भी तैयार है।
भविष्य की योजनाएं
मोदी सरकार रक्षा आगे भी नई तकनीकों पर काम कर रहा है, जैसे:
हाइपरसोनिक मिसाइल
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित युद्ध प्रणालियां
साइबर डिफेंस और स्पेस डिफेंस यूनिट्स
आधुनिक सर्विलांस और सैटेलाइट नेटवर्क
इनसे भारत की सैन्य ताकत और ज्यादा बढ़ेगी।
पिछले एक दशक में मोदी सरकार रक्षा के कारण भारतीय सेना ने जितनी प्रगति की है, वह अभूतपूर्व है। भारत अब सिर्फ एक क्षेत्रीय शक्ति नहीं, बल्कि वैश्विक सैन्य ताकत के रूप में उभर रहा है। आधुनिक हथियार, आत्मनिर्भरता और स्मार्ट रणनीतियों ने देश को एक नई दिशा दी है। आने वाले समय में भारत और भी मजबूत और सुरक्षित बनेगा।