राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में एपल फोन बनाने से किया मना

By digital | Updated: May 15, 2025 • 9:23 PM

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एपल के भारत में आईफ़ोन बनाने के बारे में भी टिप्पणी की. ट्रंप ने बताया कि एपल के सीईओ टिम कुक से उन्होंने ये कहा है कि वे नहीं चाहते कि एपल भारत में निर्माण करे क्योंकि ‘भारत दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ़ लगाने वाले देशों में से हैं.’

ट्रंप ने कहा, “उन्होंने (भारत) हमारे सामने एक सौदा पेश किया है जिसमें वे मूल रूप से हम पर लगने वाले सारे टैरिफ़ हटाने को राज़ी हैं. मैंने कहा, टिम हम आपके साथ इतना अच्छा कर रहे हैं. हमने सालों तक आपके चीन में लगाए सभी संयंत्रों को सहन किया है. हमें इसमें रुचि नहीं है कि आप भारत में निर्माण करें. भारत अपना ख़्याल ख़ुद रख सकता है.”

इसी महीने की शुरुआत में एपल ने कहा था कि वह अधिकांश आईफ़ोन के प्रोडक्शन को चीन से भारत शिफ़्ट कर रहा है. जबकि वियतनाम आईपैड और एपल वॉच जैसी चीज़ों के लिए प्रमुख उत्पादन केंद्र होगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल महीने में भारत पर 27 फ़ीसदी तक टैरिफ़ लगाने का एलान किया था. हालांकि, बाद में उन्होंने इस पर 90 दिनों की रोक भी लगाई. इस बीच भारत अमेरिका के साथ एक ट्रेड डील करने की प्रक्रिया में है. 90 दिनों की मियाद 9 जुलाई को ख़त्म हो जाएगी.

इसी सप्ताह अमेरिका और चीन एक-दूसरे से आयातित उत्पादों पर आयात कर घटाने पर सहमत हुए थे. चीन के उत्पादों पर अमेरिका का टैरिफ़ 145 फ़ीसदी से घटकर 30 फ़ीसदी किया जाएगा जबकि अमेरिका से आयातित कुछ उत्पादों पर चीन का टैरिफ़ 125 फ़ीसदी से घटकर 10 फ़ीसदी होगा.

भारत ने उनके देश से आयात किए जाने वाले उत्पादों से सभी टैरिफ़ हटाने की पेशकश की है.

क़तर की राजधानी दोहा में एक कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने कहा कि भारत सरकार ने ‘हमारे सामने एक सौदा पेश किया है, जिसमें वह मूल रूप से हमसे किसी भी तरह का टैरिफ़ न वसूलने को तैयार हैं.’

भारत और अमेरिका के बीच फिलहाल व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है.

इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मीडिया से कहा, “भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड पर बातचीत चल रही है. ये जटिल बातचीत है. जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी तय नहीं होता. कोई भी व्यापार सौदा परस्पर लाभकारी होना चाहिए. इसे दोनों देशों के लिए कारगर होना चाहिए. व्यापार सौदे से हमारी यही अपेक्षा होगी. जब तक ऐसा नहीं हो जाता, इस पर कोई भी राय देना जल्दबाज़ी होगी.”

भारत के साथ अमेरिका के व्यापार समझौते के बारे में फिलहाल कोई और जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है.

ट्रंप दोहा में कई कारोबारियों के साथ एक कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे. इस कार्यक्रम में ही ट्रंप ने बोइंग जेट्स समेत अमेरिका और क़तर के बीच कई बड़े सौदों की भी घोषणा की.

आगे क्या?

इमेज कैप्शन, भारत की ओर से अभी तक ट्रंप के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं आई है

ट्रे़ड एक्सपर्ट अजय श्रीवास्तव कहते हैं, “चूंकि ट्रंप हमेशा व्यापार घाटे के लिए भारत के उच्च टैरिफ़ को दोषी ठहराते हैं, इसलिए भारत भी ‘ज़ीरो फॉर ज़ीरो’ अप्रोच अपनाते हुए पहले दिन से ही ऑटो और कृषि उत्पादों को छोड़कर 90% अमेरिकी निर्यात को टैरिफ़ मुक्त करने की पेशकश कर सकता है. लेकिन इस समझौते में पारस्परिकता सुनिश्चित होनी चाहिए, जिसमें दोनों पक्ष समान रूप से टैरिफ़ को ख़त्म करें.”

ट्रंप और मोदी ने दोनों देशों के बीच व्यापार को दोगुने से अधिक बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है. लेकिन ऐसी संभावना नहीं है कि भारत कृषि जैसे क्षेत्रों में रियायतें देगा, जहां गहरी राजनीतिक संवेदनशीलता शामिल हैं.

सालों तक संशय के बाद भारत ने हाल ही में व्यापार समझौते करने में ज़्यादा खुलापन दिखाया है.

बीते सप्ताह ही भारत ने ब्रिटेन के साथ एक व्यापार समझौता किया जिसके तहत व्हिस्की और ऑटोमोबाइल जैसे कई क्षेत्रों में शुल्क में भारी कटौती की जाएगी.

भारत ने पिछले साल यूरोपियन फ़्री ट्रेड एसोसिएशन (ईएफ़टीए) के साथ 100 अरब डॉलर के मुक्त व्यापार समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे. ईएफ़टीए चार देशों का एक समूह है जो यूरोपीय संघ के सदस्य नहीं हैं. ये समझौता लगभग 16 सालों की बातचीत के बाद हुआ है.

यूरोपीय संघ और भारत भी इस वर्ष एक मुक्त व्यापार समझौता करने पर ज़ोर दे रहे हैं.

# Paper Hindi News #Breaking News in Hindi #Google News in Hindi #Hindi News Paper apple phone breakingnews Donald Trump india-tarrief latestnews tim coock