भारत में त्योहार हो या कोई खास मौका, सोने को हमेशा अच्छा निवेश माना जाता है। यह न केवल ज़रूरत के समय काम आता है, बल्कि संपन्नता और सौभाग्य का प्रतीक भी है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में सोना रखने की एक सीमा तय की गई है? आइए जानते हैं सरकार के नियम क्या कहते हैं।
CBDT (आयकर विभाग) द्वारा तय सोने की सीमा
व्यक्ति का प्रकार | अनुमत सीमा |
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विवाहित महिला | 500 ग्राम |
अविवाहित महिला | 250 ग्राम |
विवाहित पुरुष | 100 ग्राम |
अविवाहित पुरुष | 100 ग्राम |
🔸 महत्वपूर्ण: यदि आपके पास इस सीमा के अंदर सोना है, तो आयकर अधिकारी तलाशी के दौरान इसे ज़ब्त नहीं कर सकते, भले ही आपके पास बिल न हो।
क्या आप इससे ज़्यादा सोना रख सकते हैं?
हाँ, आप तय सीमा से ज़्यादा सोना रख सकते हैं अगर:
- वो सोना कमाई के घोषित स्रोत से खरीदा गया हो
- वो आपको कानूनी रूप से विरासत में मिला हो
- आपने उसे घरेलू बचत या कृषि आय से खरीदा हो
✅ ऐसे मामलों में सोने की खरीद का प्रमाण (जैसे बिल या दस्तावेज़) ज़रूरी होता है।
सोना बेचने पर टैक्स कैसे लगता है?
- 3 साल से पहले बेचा:
जो मुनाफ़ा होगा, उस पर आपकी इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा (Short-Term Capital Gain) - 3 साल के बाद बेचा:
मुनाफ़े पर 20% टैक्स लगेगा
साथ में महंगाई को ध्यान में रखकर टैक्स कम किया जा सकता है (Indexation benefit)
➕ 4% सेस भी लगेगा (Long-Term Capital Gain)
ध्यान रखने योग्य बातें
- सरकार ने केवल इस सीमा तक का सोना रखने की इजाज़त दी है जिसका स्रोत न बताया गया हो।
- अगर आपने सोना ईमानदारी से खरीदा है, तो कोई सीमा नहीं है – बस दस्तावेज़ साथ रखें।
- बेहतर है कि महंगे गहने बीमा करवा कर बैंक लॉकर में रखें।