नकली सरकारी वेबसाइट को कैसे पहचानें?

सरकारी वेबसाइट

हमेशा ये 7 पॉइंट्स जरूर चेक करें!

वेबसाइट का डोमेन नेम ध्यान से देखें

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gov.in या .nic.in ही असली सरकारी वेबसाइट के संकेत हैं

अगर वेबसाइट का डोमेन .com, .org, या .in है तो सतर्क रहें

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नकली वेबसाइटें दिखने में असली जैसी लग सकती हैं, लेकिन डोमेन ही सबसे बड़ा सबूत होता है

सिक्योरिटी सर्टिफिकेट (HTTPS) चेक करें

वेबसाइट का URL “https://” से शुरू हो रहा है या नहीं?

  • असली सरकारी वेबसाइट में लॉक आइकन दिखता है
  • अगर “Not Secure” लिखा है, तो वहां जानकारी न भरें
  • 3. 🧾 सरकारी प्रतीकों का गलत इस्तेमाल
  • नकली साइट्स पर नकली अशोक स्तंभ या लोगो यूज किए जाते हैं
  • असली प्रतीकों की क्वालिटी साफ और सरकारी स्टाइल में होती है
  • गूगल पर सर्च कर तुलना करें

भाषा और टाइपो की गलतियाँ देखें

असली सरकारी वेबसाइटों की भाषा व्याकरणिक रूप से सही होती है

नकली साइटों में स्पेलिंग मिस्टेक और टूटी-फूटी हिंदी/अंग्रेजी पाई जाती है

कॉन्टैक्ट डिटेल्स और हेल्पलाइन नंबर की जाँच करें

क्या वेबसाइट पर दिया गया नंबर वाकई सरकार का है?

Google या सरकारी directories में उस नंबर को वेरिफाई करें

फर्जी वेबसाइटों पर अक्सर नकली मोबाइल नंबर या ईमेल होता है

वेबसाइट के लिंक सोशल मीडिया या मैसेज में मिला?

संदिग्ध लिंक पर सीधे क्लिक न करें

लिंक को गूगल पर टाइप कर वैरिफाई करें

phishing का खतरा सबसे ज़्यादा ऐसे ही लिंक में होता है

सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट या एप का ही इस्तेमाल करें

Umang App, DigiLocker, या MyGov जैसी ऑफिशियल एप्स का प्रयोग करें

यह ऐप्स सरकार द्वारा प्रमाणित होती हैं

वेबसाइट की बजाए ऑफिशियल ऐप्स ज़्यादा सुरक्षित होती हैं

सावधानी ही सुरक्षा है

“सोच समझकर क्लिक करें, ताकि फर्जी वेबसाइट से बच सकें!”

नकली वेबसाइटों से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए इन सभी बिंदुओं का पालन करें। जब भी शक हो, किसी जानकार से सलाह लें या सरकार की हेल्पलाइन पर संपर्क करें।

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