Hyderabad News : समाज कल्याण के छात्रों को छात्रावास मेस प्रशासन की उठानी होगी जिम्मेदारी

By Ajay Kumar Shukla | Updated: May 24, 2025 • 11:00 PM

मेस प्रशासन की जिम्मेदारियां संभालेंगे छात्रावास

हैदराबाद। पहले से ही शैक्षणिक दबाव और तनाव से परेशान तेलंगाना सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस सोसाइटी (टीजीएसडब्ल्यूआरईआईएस) के छात्र अब छात्रावास मेस प्रशासन की जिम्मेदारियां संभालेंगे क्योंकि संस्थान शैक्षणिक वर्ष के लिए फिर से शुरू हो रहे हैं। सोसायटी ने मेस संचालन के प्रबंधन, रसोई की स्वच्छता सुनिश्चित करने तथा भोजन की गुणवत्ता की निगरानी की जिम्मेदारी अपने स्कूल और जूनियर कॉलेज के छात्रों को सौंप दी है।

सोसायटी ने छात्रावास के छात्रों पर डाल दिया भार

स्कूलों में 12 जून से शैक्षणिक वर्ष शुरू हो रहा है, इसलिए कक्षा आठवीं से ग्यारहवीं तक के विद्यार्थियों को खाद्य सामग्री/जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थों को भंडारण से रसोईघर तक पहुंचाना, गुणवत्ता और मात्रा की जांच करना, खाना पकाने की निगरानी करना तथा रसोईघर और भोजन कक्ष में स्वच्छता बनाए रखना जैसे कार्य करने होंगे। ये ज़िम्मेदारियां दरअसल छात्रावासों में देखभाल करने वालों और सहायक देखभाल करने वालों द्वारा निभाई जाती हैं। हालाँकि, सोसायटी ने चुपचाप इनका भार छात्रों पर डाल दिया है, जिससे संस्थानों में नाबालिगों की सुरक्षा और कल्याण को लेकर चिंताएँ पैदा हो गई हैं।

निभानी होंगी कई भूमिकाएं

सोसायटी ने शुक्रवार को अपने प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया कि वे कक्षा आठ, नौ, दस और ग्यारह के विद्यार्थियों को लेकर एक डाइट समिति गठित करें, जिन्हें अपनी पढ़ाई के साथ-साथ डाइट प्रबंधक, मेस मॉनिटर, स्वच्छता मॉनिटर और मेस लीडर की भूमिका भी निभानी होगी।

छात्रावास के एक शिक्षक द्वारा की जाएगी निगरानी

जॉब चार्ट के अनुसार, चयनित छात्रों (मेस मॉनिटर) को सुबह 5 बजे नाश्ते की तैयारी और बाद में सुबह 9 बजे दोपहर के भोजन की तैयारी की निगरानी के लिए रसोई में होना होगा। नाश्ते और रात के खाने के लिए भी उनका काम अलग-अलग है, क्योंकि उन्हें क्रमशः दोपहर 3 बजे और शाम 4 बजे रसोई में उपस्थित होना है। सोसायटी के अनुसार, खाना पकाने का काम केवल छात्रों की उपस्थिति में शुरू होगा, जिनकी निगरानी एक शिक्षक द्वारा की जाएगी।

छात्रावास के दसवीं कक्षा के छात्र को बनाया जाएगा आहार प्रबंधक

दसवीं कक्षा के छात्र उन्हें आहार प्रबंधक बनाया जाएगा, जिनका काम दिन में दो बार यानी दोपहर 1.30 बजे नाश्ते और रात के खाने के लिए और शाम 5 बजे अगले दिन के नाश्ते और दोपहर के भोजन के लिए भंडारण से रसोई तक प्रावधान या खराब होने वाली वस्तुओं को पहुंचाना है। इन नाबालिगों को खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और मात्रा की भी जांच करनी होती है, यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई दुर्गंध, कीड़े, सड़े हुए पदार्थ या कोई असामान्यता न हो।

सरकार से हस्तक्षेप की मांग

वे भंडारण, मांगपत्रों की नियुक्ति और प्रावधानों के वितरण के लिए भी जिम्मेदार होंगे तथा उनके कार्य की निगरानी दो आहार प्रभारी शिक्षकों द्वारा की जाएगी। इसके अलावा, चयनित इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष के छात्रों को अपशिष्ट निपटान की निगरानी के अलावा रसोई, भोजन और हाथ धोने के क्षेत्र की सफाई की निगरानी का काम सौंपा गया है। इस स्वच्छता निगरानी टीम की निगरानी एक स्वास्थ्य पर्यवेक्षक द्वारा की जाएगी। यह पहल कुछ शिक्षकों को रास नहीं आई, उनका कहना था कि इससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी। शिक्षकों ने कहा कि जब चार कल्याणकारी समाज हैं, जिनका एक ही आहार और समय है, तो फिर समाज कल्याण के छात्रों पर ऐसे नियम क्यों थोपे जा रहे हैं और उन्होंने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की।

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