जुराला परियोजना से छोड़ा जा रहा 60,000 क्यूसेक पानी
हैदराबाद। कर्नाटक में कृष्णा नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण बाढ़ के पानी के बड़े पैमाने पर आने के कारण गुरुवार शाम को जुराला परियोजना के कम से कम 10 गेट खोल दिए गए। वर्तमान में, जुराला परियोजना से 60,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि आधी रात तक पानी का प्रवाह और भी बढ़ सकता है। इससे बाढ़ का पानी छोड़ने के लिए अतिरिक्त गेट खोलने की आवश्यकता हो सकती है। परियोजना में बाढ़ प्रबंधन के लिए कुल 79 स्पिलवे गेट हैं।
मई में पहली बार खोलने पड़े जुराला परियोजना के गेट
मई में यह पहली बार है कि जुराला परियोजना को बाढ़ के पानी के प्रबंधन के लिए अपने गेट खोलने पड़े हैं, जो शुष्क मौसम के दौरान एक असामान्य घटना है। कृष्णा नदी और उसकी सहायक नदी तुंगभद्रा नदी इस मौसम में पहली बार भारी बाढ़ का सामना कर रही हैं। जुराला से छोड़ा गया बाढ़ का पानी अब श्रीशैलम बांध की ओर बढ़ रहा है, अनुमान है कि शुक्रवार तक जलाशय में लगभग 1 लाख क्यूसेक पानी पहुंच जाएगा। अधिकारियों ने नदी के जलग्रहण क्षेत्र के निवासियों से सतर्क रहने तथा स्थिति उत्पन्न होने पर आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह किया है।
नागरिकों को सतर्क किया गया
नदी के आस-पास रहने वाले नागरिकों को सतर्क कर दिया गया है कि वे लोग सावधान रहें, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। प्रशासन ने गांव-गांव टीमें भेज नदी किनारे रह रहे लोगों को जागरूक किया। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के दौरान उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता है, हालांकि प्रशासन के सहयोग से उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती। बहरहाल अब प्रशासन इस बात को लेकर चिंतित है कि पानी और बढ़ा तो और भी गेट खोलने पड़ सकते हैं। मई अप्रत्याशित घटना को लेकर चिंता जायज है। अमूमन ऐसा नहीं होता है।