वायुसेना प्रमुख द्वारा उठाई गई चिंताओं पर तत्काल कार्रवाई करने का डाला दबाव : उत्तम
नई दिल्ली/ हैदराबाद। सिंचाई एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी, जो भारतीय वायुसेना के अनुभवी हैं। उन्होंने शनिवार को भारत सरकार से हाल ही में चार दिवसीय भारत-पाकिस्तान अभियान के दौरान हुए नुकसान, विशेष रूप से राफेल लड़ाकू विमानों को मार गिराए जाने की खबर के बारे में पूरी पारदर्शिता की मांग की। नई दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, उत्तम कुमार रेड्डी ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर विमानों की आपूर्ति में देरी, प्रतिभा की कमी और स्वीकृत और परिचालन स्क्वाड्रनों के बीच अंतर के बारे में वायुसेना प्रमुख द्वारा उठाई गई चिंताओं पर तत्काल कार्रवाई करने का दबाव डाला।
राष्ट्रपति के पूर्व एडीसी रह चुके हैं उत्तम कुमार
अपना परिचय देते हुए, उत्तम कुमार रेड्डी ने अपनी रक्षा पृष्ठभूमि के बारे में विस्तार से बताया कि वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक, एक पूर्ण रूप से परिचालन लड़ाकू पायलट जिसने चीनी सीमा पर मिग-21 और पश्चिमी क्षेत्र में मिग-23 उड़ाए, और भारत के राष्ट्रपति के पूर्व एडीसी रह चुके हैं। उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, ‘मैंने कई लड़ाकू ठिकानों पर काम किया है जो अब खबरों में हैं। मैं चार विमानों का लीडर और ट्रेनर कैप्टन था, इसलिए मैं परिचालन वास्तविकताओं को समझता हूं।’ उन्होंने हाल ही में भारत-पाक अभियान में भारतीय वायुसेना की भूमिका की खुलकर प्रशंसा की और इसे ‘एक बहुत ही निर्णायक जीत’ बताया।
वायुसेना प्रमुख की चेतावनियों का उत्तम ने दिया हवाला
मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी में हम सभी को इस बात पर गर्व है कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के नौ ठिकानों में आतंकवादी शिविरों पर हमला किया और सटीकता के साथ हमारे आसमान की रक्षा की। यह वास्तव में एक बेहतरीन अभियान था जिसने सभी उद्देश्यों को पूरा किया।’ हालांकि, उत्तम कुमार रेड्डी ने तुरंत ही एयर चीफ मार्शल एपी सिंह द्वारा उठाए गए गंभीर मुद्दों पर बात की, जिन्होंने कहा कि उन्होंने हाल ही में कई बयान दिए हैं जो ‘हम सभी को चिंतित करने चाहिए।’ उन्होंने लड़ाकू विमानों और हथियारों की आपूर्ति में गंभीर देरी के बारे में वायुसेना प्रमुख की चेतावनियों का हवाला दिया, जो उन्होंने कहा, ‘वायुसेना के लिए एक गंभीर समस्या है।’

भारत के पास वर्तमान में केवल 31 स्क्वाड्रन हैं
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि संसदीय रक्षा समिति में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने और उनके सहयोगियों ने बार-बार इस बात को उठाया था कि भारत के परिचालन लड़ाकू स्क्वाड्रन 42 स्क्वाड्रन की स्वीकृत शक्ति से कम हैं – प्रत्येक में 16 से 18 विमान हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत के पास वर्तमान में केवल 31 स्क्वाड्रन हैं, जो कि आवश्यकता से काफी कम है, खासकर जब हम चीन और पाकिस्तान दोनों से खतरे का सामना कर रहे हैं।’ मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि तीनों सशस्त्र बलों में 10 प्रतिशत से अधिक जनशक्ति की कमी है, यह समस्या कोविड-19 महामारी के दौरान भर्ती में मंदी से और खराब हो गई है, जो अभी तक ठीक नहीं हुई है।