सैनिकों के साथ खड़े रहना हमारी जिम्मेदारी : हरीश राव
हैदराबाद। भारतीय सैनिकों के बलिदान को स्वीकार करते हुए, बीआरएस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री टी हरीश राव ने शनिवार को कहा कि सीमाएँ केवल भौगोलिक सीमाएँ नहीं हैं। वे हमारे देश की सुरक्षा और भविष्य का प्रतिनिधित्व करती हैं। हमारे सैनिक उनकी रक्षा के लिए लड़ते हैं, और उनके साथ खड़े रहना हमारी ज़िम्मेदारी है। देश के सुरक्षा बलों के प्रति समर्थन जताते हुए हरीश राव ने सुररम के मल्ला रेड्डी हेल्थ सिटी में भारतीय सैनिकों के लिए एक एकजुटता कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर बोलते हुए राव ने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के महत्व पर जोर दिया और इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजकों की प्रशंसा की।
हरीश ने आतंकवादी गतिविधियों की निंदा की
उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों की निंदा की, मुंबई ताज होटल पर हमले जैसे पिछले हमलों और पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के वैश्विक नतीजों का हवाला दिया। राव ने जोर देकर कहा कि धैर्य की एक सीमा होती है और भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखना चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि सालों से हम देखते और सहते आए हैं। लेकिन अब देश की सुरक्षा हमारी प्राथमिक चिंता है। हर युवा पुरुष और महिला को ऐसे समय में बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस कार्यक्रम में सैनिकों की सहायता में स्वास्थ्य सेवा की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया, जिसमें मल्ला रेड्डी स्वास्थ्य विश्वविद्यालय ने जब भी आवश्यक हो चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने का संकल्प लिया।

सैनिकों के परिवार की सुरक्षा करना भी हमारी जिम्मेदारी : हरीश
राव ने सशस्त्र बलों की सहायता के लिए रक्तदान अभियान सहित नागरिक योगदान के महत्व को दोहराया। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम भले ही युद्ध के मैदान में न हों, लेकिन यह सुनिश्चित करना कि हमारे सैनिकों को आवश्यक चिकित्सा देखभाल और सहायता मिले, हर नागरिक का कर्तव्य है। हमारे सैनिकों के परिवारों की सुरक्षा करना भी हमारी जिम्मेदारी है।
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