आदिलाबाद । ट्रेलब्लेजर्स इंडिया फाउंडेशन (टीआईएफ) ने एचपीसीएल के सहयोग से आदिलाबाद में सालाना 60 वंचित महिलाओं के लिए सिलाई कक्षाएं शुरू कीं, ताकि आत्मनिर्भरता और स्थायी रोजगार को बढ़ावा दिया जा सके। जिला कलेक्टर राजर्षि शाह ने इस सुविधा का उद्घाटन किया और वित्तीय स्वतंत्रता के लिए नियमित रूप से उपस्थित होने का आग्रह किया।
सिलाई प्रशिक्षण महिलाओं को बनाएगा आत्मनिर्भर
शाह ने आदिलाबाद जैसे पिछड़े जिलों में महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया, एचपीसीएल के प्रायोजन और कार्यक्रम शुरू करने में सादु सुंदर के प्रयासों की सराहना की। टीआईएफ के प्रबंध ट्रस्टी डीआर रैगलैंड ने विश्वास व्यक्त किया कि एचपीसीएल और समर्पित प्रशिक्षकों द्वारा समर्थित प्रशिक्षण महिलाओं को आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक कौशल से लैस करके उनके जीवन को बदल देगा।
ग्रामीण महिलाओं के बीच बढ़ेगी स्वरोजगार और आर्थिक भागीदारी
डीआरएसओ-डीआरडीए के प्रतिनिधि रविंदर राठौड़ ने ग्रामीण विकास में योगदान के लिए सादु सुंदर और एचपीसीएल की प्रशंसा की। एचपीसीएल के सहायक बिक्री प्रबंधक कोटला राजकुमार ने ग्राहक सेवा और सीएसआर पहलों के माध्यम से सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। साल भर चलने वाला यह कार्यक्रम, 15-15 महिलाओं के चार बैचों में आयोजित किया जाता है, जिसमें अनुभवी प्रशिक्षकों के तहत डिजाइन, माप, कटाई और सिलाई का व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रतिभागी बैग और फाइल जैसे हस्तनिर्मित उत्पाद बनाना भी सीखेंगे, जिससे ग्रामीण महिलाओं के बीच स्वरोजगार और आर्थिक भागीदारी बढ़ेगी।
सिलाई प्रशिक्षण से संवरेगा महिलाओं का भविष्य
सिलाई प्रशिक्षण से महिलाओं का भविष्य संवरेगा। इतना ही नहीं एक परिवार को जीविकापार्जन भी बड़े आराम से हो जाएगा और तो और अगर महिलाएं अच्छे से प्रशिक्षण लेकर दूसरों को प्रशिक्षण देना शुरू कर देंगी तो न जाने कितने घर के चूल्हे जलने लगेंगे। पुरुषों को भी घर चलाने में आसानी हो जाएगी। प्रशिक्षण कला आज के समय में बहुत जरूरी है। देखा जाए तो महिलाओं के वस्त्रों की सिलाई करने वालों की संख्या गांवों में उतनी रहती इसीलिए लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।