हैदराबाद : तेलंगाना के मुख्यमंत्री (Chief Minister) ए रेवंत रेड्डी ने कहा कि आज बलिदान का परिणाम है। इस पावन अवसर पर, मैं शीश झुकाकर उन सभी महान लोगों को नमन करता हूँ जिन्होंने स्वतंत्र भारत (Independent India) के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि यही है कि उनकी आकांक्षाओं को पूरा किया जाए।
गांधीजी ने अपने अहिंसक स्वतंत्रता संग्राम के माध्यम से दुनिया को एक नई दिशा दिखाई
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गोलकोडा किले में तिरंगा फहराने के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने वाले महात्मा गांधी दुनिया के लिए एक आदर्श हैं। गांधीजी ने अपने अहिंसक स्वतंत्रता संग्राम के माध्यम से दुनिया को एक नई दिशा दिखाई और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से भारत की मुक्ति का महान युद्ध जीता।
पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में गरीबी, असमानता और अस्पृश्यता के खिलाफ लड़ाई शुरू
पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में, हमने देश के आंतरिक शत्रुओं, जैसे गरीबी, असमानता और अस्पृश्यता के खिलाफ लड़ाई शुरू की। हमने लोकतांत्रिक शासन की मजबूत नींव रखी, जो हमारी प्राप्त स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि 14 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा राष्ट्र के नाम दिए गए प्रेरक भाषण ने करोड़ों भारतीयों को एकजुट किया और उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।
आवश्यक है कि हम नेहरू के उन प्रेरक भाषणों को याद करें : सीएम
सीएम ने कहा कि आज, यह आवश्यक है कि हम नेहरू के उन प्रेरक भाषणों को याद करें जो देश में पिछले 10 वर्षों के शासन को देखने के बाद देश की आत्मा को प्रतिबिंबित करते थे। मैं इस अवसर पर उनके कुछ पहलुओं को आपके साथ साझा करना चाहता हूँ। “हमारा भविष्य उज्ज्वल है। देश के किसानों, श्रमिकों और सभी वर्गों को गरीबी से मुक्ति मिलनी चाहिए। असमानता का उन्मूलन होना चाहिए। बीमारियों की रोकथाम होनी चाहिए। हमें एक समृद्ध, लोकतांत्रिक और प्रगतिशील देश के रूप में विकसित होना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक संस्थाओं की स्थापना करनी चाहिए कि देश के प्रत्येक नागरिक को न्याय मिले और वह एक फलदायी जीवन जी सके।”
ऐसे प्रेरक शब्दों के साथ, पंडित नेहरू ने भारत के भविष्य की दिशा निर्धारित की। नेहरू ने केवल भाषण ही नहीं दिए, बल्कि उस दिशा में कदम भी उठाए और देश की प्रगति की एक मजबूत नींव रखी। पंडित नेहरू ने भारत को एक मजबूत लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और गणतांत्रिक देश के रूप में स्थापित करने में महान राजनेता का परिचय दिया।
स्वतंत्रता संग्राम कब और कहां से शुरू हुआ था?
भारत का पहला संगठित स्वतंत्रता संग्राम वर्ष 1857 में हुआ था, जिसे “1857 की क्रांति” या “प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम” कहा जाता है।
स्वतंत्रता संग्राम का अर्थ क्या है?
“वह संघर्ष या आंदोलन, जो किसी देश की जनता द्वारा अपने देश को विदेशी शासन से मुक्त कराने के लिए किया जाता है।”
स्वतंत्रता संग्राम के जनक कौन थे?
बाल गंगाधर तिलक को “भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के जनक” या “आधुनिक भारत में स्वतंत्रता आंदोलन के जनक” कहा जाता है।
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