माओवादी के खिलाफ अभियान जारी
कोत्तागुडेम। छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम ने गुरुवार को दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 31 मार्च, 2026 तक सीपीआई (माओवादी) को खत्म करने का आदेश समय सीमा से काफी पहले हासिल किया जा सकता है। डीजीपी ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर में मीडिया से बातचीत में बताया कि सुरक्षाकर्मी इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उन्होंने बुधवार को हुई मुठभेड़ का ब्यौरा भी साझा किया, जिसमें माओवादी पार्टी के महासचिव नंबल्ला केशव राव उर्फ बसवा राजू समेत 27 माओवादी मारे गए। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए सभी माओवादियों की पहचान कर ली गई है।
माओवादी पार्टी को ढहने में नहीं लगेगा ज़्यादा समय
शीर्ष नेतृत्व को हटाने से पार्टी व्यवस्था चरमरा जाएगी और माओवादी पार्टी को ढहने में ज़्यादा समय नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों ने माओवादियों के खिलाफ़ लड़ाई में बड़ी कुर्बानियाँ दी हैं। पिछले कुछ सालों में बस्तर क्षेत्र में मौजूद सुरक्षा शून्यता को भर दिया गया है और क्षेत्र के अधिकांश हिस्से को सुरक्षा बलों ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। डीजीपी ने कहा कि अभी भी कुछ कमियाँ रह गई हैं और राज्य में माओवादी आंदोलन को खत्म करने के लिए उन्हें भर दिया जाएगा।
27 में 10 महिलाएं शामिल थीं
मुठभेड़ में मारे गए 27 माओवादियों में से 10 महिलाएं थीं जबकि चार माओवादी तेलुगु राज्यों से थे। श्रीकाकुलम जिले के जियान्नापेट के केशव राव के अलावा, एपी में प्रकाशम जिले के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य वेंकट नागेश्वर राव उर्फ जंगू नवीन, केशव राव के कंप्यूटर ऑपरेटर, हसनपर्थी के एसीएम बुरा विवेक उर्फ विवेक और रंगा रेड्डी जिले के केशमपेट मंडल के वेमुलनरवा गांव की वन्नदा विजयलक्ष्मी उर्फ भूमिका मुठभेड़ में मारे गए तेलुगु थे।
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