अतिक्रमणकारियों ने बना ली थीं स्थायी संरचनाएं
हैदराबाद। हैदराबाद आपदा प्रतिक्रिया और संपत्ति संरक्षण एजेंसी (हाइड्रा) ने नल्लागंदला के हुडा कॉलोनी में तूफानी पानी के नाले पर बने अनधिकृत ढांचों को बुलडोजर से गिरा दिया।हाइड्रा (Hydra) के अनुसार, अतिक्रमणकारियों ने स्थायी संरचनाएं बना ली थीं और एक अपार्टमेंट (Apartment) का निर्माण करके वर्षा जल निकासी नाले के एक हिस्से पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था।
खुले नालों में जमा टनों अपशिष्ट पदार्थों को किया साफ
कुछ अतिक्रमणकारियों ने स्वेच्छा से अनधिकृत संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया, जबकि कुछ अनिच्छुक थे। इस बीच, हाइड्रा के मानसून आपातकालीन दल (एमईटी) ने यूसुफगुडा के मधुरा नगर और कृष्णा नगर में खुले नालों में जमा टनों अपशिष्ट पदार्थों को साफ किया आपातकालीन टीमों ने गाचीबोवली में जनार्दन रेड्डी कॉलोनी में नाले में फेंके गए अपशिष्ट पदार्थ और अन्य बेकार प्लास्टिक सामग्री को भी हटाया। इसी तरह का काम कपरा सर्किल में मार्कंडेय कॉलोनी, एलबी नगर में आरसीआई रोड और मिथिला नगर में मंथराला चेरुवु से जिल्लेलागुडा तक जाने वाले नाले के जलग्रहण क्षेत्र में भी किया गया।

हाइड्रा का अवैध निर्माणों में सख्त एक्शन
हैदराबाद में HYDRAA ने अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की है। हाल ही में रसूलपुरा नाले के पास बनी अवैध दुकानों और ढांचों को बुलडोजर से गिराया गया। ये निर्माण नाले की चौड़ाई को 70 फीट से घटाकर सिर्फ 15-18 फीट तक सीमित कर रहे थे, जिससे बाढ़ का खतरा बना हुआ था। HYDRAA के कमिश्नर ए.वी. रंगनाथ ने स्वयं मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और नाले के दोनों किनारों पर आरसीसी रिटेनिंग वॉल बनाने की घोषणा की। साथ ही, डी-सिल्टिंग कर जल निकासी व्यवस्था को बहाल किया जाएगा।
इसके अलावा, टारनाका स्थित एर्राकुंटा झील के पास सरकारी जमीन पर बनी 250 अवैध झुग्गियों की जांच शुरू कर दी गई है। HYDRAA ने स्पष्ट किया है कि बिना अनुमति बनाए गए सभी ढांचों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे नालों, झीलों या सार्वजनिक जमीन पर हों।
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