IBM कर रहा है 8,000 नौकरियों में कटौती, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी IBM ने हाल ही में बड़ा ऐलान करते हुए करीब 8,000 कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब टेक इंडस्ट्री पहले से ही मंदी और ऑटोमेशन के दबाव का सामना कर रही है।
इससे पहले Google और Microsoft भी हजारों कर्मचारियों को निकाल चुके हैं।
क्यों ले रहा है IBM ये फैसला?
IBM के इस फैसले के पीछे कई रणनीतिक और आर्थिक कारण हैं।
कंपनी अब अपने पुराने बिजनेस मॉडलों से हटकर AI और ऑटोमेशन आधारित सेवाओं पर ज्यादा ध्यान दे रही है।
- लागत में कटौती के लिए यह कदम जरूरी बताया गया
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चलते कई पद अप्रासंगिक हो गए हैं
- क्लाउड कंप्यूटिंग और ऑटोमेशन के बढ़ते प्रयोग

आईबीएम के CEO का बयान
IBM के CEO ने एक इंटरव्यू में कहा कि यह निर्णय “भविष्य की तैयारी” के तहत लिया गया है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कंपनी नए क्षेत्रों में निवेश जारी रखेगी, खासतौर पर AI-ड्रिवन समाधान और क्लाउड टेक्नोलॉजी में।
पहले भी हुई हैं छंटनियाँ
यह पहला मौका नहीं है जब IBM ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकाला हो।
पिछले दो वर्षों में भी कंपनी ने वित्तीय साल के अंत में छंटनी की थी, ताकि ऑपरेशनल लागत को संतुलित किया जा सके।
गूगल और माइक्रोसॉफ्ट पहले ही कर चुके हैं छंटनी
IBM से पहले Google और Microsoft जैसी दिग्गज टेक कंपनियां भी बड़े पैमाने पर छंटनी कर चुकी हैं।
जनवरी 2025 में Google ने लगभग 12,000 और Microsoft ने 10,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था।
भारतीय कर्मचारियों पर असर
IBM के इस फैसले से भारत स्थित ऑफिसों में भी असर पड़ना तय है।
भारतीय IT सेक्टर में पहले से ही नौकरी की असुरक्षा का माहौल बना हुआ है और यह छंटनी उसमें और बढ़ोतरी कर सकती है।

क्या आगे और छंटनी होगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में AI और मशीन लर्निंग के प्रभाव से और भी कंपनियाँ कर्मचारियों की संख्या कम कर सकती हैं।
पारंपरिक जॉब रोल्स तेजी से ऑटोमेट हो रहे हैं।
IBM की यह छंटनी एक बड़ा संकेत है कि टेक इंडस्ट्री अब एक नई दिशा में बढ़ रही है, जहां ऑटोमेशन और AI प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
आने वाले समय में स्किल अपग्रेडेशन और डिजिटल एडेप्टेशन ही नौकरी की सुरक्षा का आधार बनेंगे।