पढ़ाई के दम पर गांव के अंकित बन गए करोड़पति
Success Story, Ankit Bhati Story: पढ़ाई, पढ़ाई और सिर्फ पढ़ाई…यही वह चीज थी कि ग्रेटर नोएडा के छोटे से गांव का लड़का अपनी मेहनत के दम पर करोड़पति बन गया. यह कहानी शुरू होती है गौतमबुद्धनगर के छोटे से गांव अरतौली से. आइए जानते हैं पूरी कहानी…
Success Story, Ankit Bhati Story: ग्रेटर नोएडा के अरतौली गांव के अंकित भाटी के दादाजी अनपढ़ थे. उन्होंने अपने पढ़ाई न करने पाने की कसक हमेशा सताती थी, लिहाजा उन्होंने अपनी अगली पीढ़ी को पढ़ाने की ठानी। नतीजा ये हुआ कि अंकित के परिवार में पिताजी से लेकर चाचा तक सरकारी नौकरी में आ गए. अंकित के पिता जहां पढ़ाई के दम पर दिल्ली के सरकारी स्कूल में टीचर हो गए, वहीं उनके तीन चाचा इंडियन आर्मी में भर्ती हो गए. एक चाचा की पुलिस में नौकरी हो गई. इस तरह उनका परिवार पढ़ाई के दम पर आगे बढ़ा. बस यही बात अंकित के मन में भी बैठ गई कि पढ़ाई ही ऐसा मूल मंत्र है, जिसके दम पर कुछ भी किया जा सकता है।
गांव के स्कूल से की पढ़ाई
अंकित भाटी ने अपनी शुरूआती पढ़ाई लिखाई गांव के सरकारी स्कूल से की. इसके बाद पटेल इंटर कॉलेज से 10वीं तक की पढ़ाई की. जब 12वीं में पढ़ने की बारी आई, तो गांव के स्कूल में साइंस नहीं था, लिहाजा उन्होंने गांव से 10 किमी दूर अग्रसेन इंटर कॉलेज बुलंदशहर से अपनी पढ़ाई पूरी की.ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने बीएड किया. इसके साथ-साथ वह सरकारी नौकरी की भी तैयारी करने लगे।
यूपी पुलिस में नहीं हुआ सेलेक्शन
अंकित भाटी कहते हैं उनदिनों गांवों में सरकारी नौकरी के सिर्फ दो ही मायने थे या तो इंडियन आर्मी या फिर यूपी पुलिस (UP Police), दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की नौकरी. इसके अलावा कोई किसी दूसरी नौकरी की बात ही नहीं करता था, लिहाजा अंकित ने भी दिल्ली पुलिस की परीक्षा दी. उनका सेलेक्शन हो गया, लेकिन फिजिकल में वह अपनी कमजोर आंखों के कारण सेलेक्ट नहीं हो पाए. जिसके बाद वह एसएससी (SSC) की तैयारी करने लगे। जब वह खुद एसएससी की तैयारी में जुटे, तो उन्होंने अपने साथ के ही कुछ बच्चों को पढ़ाना भी शुरू कर दिया.वह पुलिस भर्ती परीक्षा की तैयारी कराने लगे. उनमें से कुछ बच्चे सेलेक्ट हो गए, जिसके बाद अंकित का हौसला बढ़ने लगा. इस तरह उन्होंने तैयारी करने वाले बच्चों को पढ़ाना जारी रखा. गांव में रहकर तकरीबन 8 से 9 साल तक पढ़ाते रहे।