प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या माना जा रहा है, लेकिन परिजनों और ग्रामीणों ने इसे हत्या करार देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
सीधी ग्राम गड़रा में एक ही परिवार के तीन सदस्यों के फंदे से लटके शव मिलने के संदिग्ध मामले के चलते मऊगंज जिला इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। इस हृदयविदारक कांड ने न केवल क्षेत्रीय प्रशासन को झकझोर दिया, बल्कि पूरे जिले में आक्रोश और अविश्वास का माहौल भी बना दिया है।
गड़रा कांड के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। जनदबाव और मामले की गंभीरता को देखते हुए मऊगंज एसडीओपी अंकिता सुल्या को तत्काल प्रभाव से आईजी कार्यालय अटैच कर दिया गया है। यह फैसला उन पूर्व मामलों को ध्यान में रखते हुए भी लिया गया है, जिनमें अनियमितता या लापरवाही के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। पुलिस विभाग की छवि को लेकर उठते सवालों के बीच यह कदम एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।
प्रारंभिक जांच में गड़रा गांव की इस घटना को आत्महत्या बताया जा रहा था, लेकिन ग्रामीणों और परिजनों ने इसे हत्या करार देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। तीनों मृतक एक दंपती और उनका किशोर पुत्र एक ही कमरे में फंदे पर लटके पाए गए थे, जिससे संदेह और भी गहरा गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे पहले भी क्षेत्र में कई रहस्यमयी मौतें हो चुकी हैं, जिनकी जांच अधूरी रह गई। अब गड़रा कांड के सामने आने के बाद उन सभी मामलों की निष्पक्ष जांच की मांग तेज हो गई है।
आईजी रीवा रेंज की ओर से विशेष जांच दल गठित किए जाने की भी जानकारी सामने आई है, जो इस पूरे प्रकरण की तह तक जाकर सच्चाई उजागर करने का प्रयास करेगा। फिलहाल क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है, ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे। यह मामला न केवल गड़रा गांव बल्कि पूरे मऊगंज जिले के प्रशासनिक तंत्र पर एक कड़ा सवाल बनकर खड़ा है।