Health : ऑस्टियोपोरोसिस से बचने डाइट में शामिल करें प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ

By Anuj Kumar | Updated: July 15, 2025 • 11:25 AM

नई दिल्ली । बढती उम्र में अगर शरीर की सही देखभाल न की जाए तो ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इससे हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि मामूली चोट या गिरने पर भी टूटने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसा रोग है जिसमें हड्डियों की मिनरल डेंसिटी और बोन मास में कमी आ जाती है। यह समस्या उम्र के साथ बढ़ती ही जाती है।

बुजुर्गों के लिए रोजाना कुछ समय धूप में बिताना भी जरूरी है

हालांकि कुछ आसान उपाय अपनाकर इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, बुजुर्गों को अपनी डाइट में प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करना चाहिए। प्रोटीन शरीर की ऊतकों की मरम्मत करने और बॉडी मास को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। इससे हड्डियों को भी मजबूती मिलती है। शाकाहारी लोगों के लिए मसूर दाल, चना, राजमा, दूध, दही, पनीर और अंडा बेहतरीन स्रोत हैं। वहीं मांसाहारी लोग मछली का सेवन कर सकते हैं, जो प्रोटीन के साथ ही कई अन्य पोषक तत्व भी देती है। इसके अलावा, बुजुर्गों के लिए रोजाना कुछ समय धूप में बिताना भी जरूरी है।

धूप से मिलने वाला विटामिन-डी हड्डियों को मजबूत बनाता है

धूप से मिलने वाला विटामिन-डी (Vitamin-D) हड्डियों को मजबूत बनाता है, शरीर की इम्यूनिटी को बेहतर करता है और कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। विटामिन-डी के लिए सूरज की रोशनी के अलावा अंडे की जर्दी, सैल्मन, मैकेरल, ट्यूना मछली, फोर्टिफाइड दूध और अनाज भी अच्छे विकल्प हैं। कैल्शियम (Calcium) की कमी भी हड्डियों को कमजोर बनाती है और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ाती है। इसलिए दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, तिल और सोया मिल्क का सेवन करना चाहिए। उम्र के हिसाब से हल्की-फुल्की एक्सरसाइज भी जरूरी है। जैसे रोजाना पैदल चलना, योग और हल्की शारीरिक गतिविधियां करना।

इससे हड्डियां मजबूत रहती हैं और शरीर में चुस्ती भी बनी रहती है। इसके अलावा धूम्रपान और शराब का सेवन हड्डियों को कमजोर कर सकता है और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ाता है, इसलिए इससे बचना चाहिए। ज्यादा वजन भी हड्डियों और जोड़ों पर दबाव डालता है, जिससे वे कमजोर हो सकते हैं।


ऑस्टियोपोरोसिस से कौन सी बीमारी होती है?

ऑस्टियोपोरोसिस एक हड्डी रोग है जो तब विकसित होता है जब अस्थि खनिज घनत्व और अस्थि द्रव्यमान कम हो जाता है, या जब हड्डी की संरचना और ताकत बदल जाती है। इससे हड्डियों की ताकत कम हो सकती है जिससे फ्रैक्चर (हड्डियों के टूटने) का खतरा बढ़ सकता है।

मरीज को कैसे पता चलेगा कि उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस है?

अगर आपकी मुद्रा, संतुलन और चाल (आप कैसे चलते हैं) में बदलाव आया है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। ऑस्टियोपोरोसिस के लिए बसे आम परीक्षण अस्थि खनिज घनत्व परीक्षण है, जो मापता है कि आपकी हड्डियां कितनी मजबूत हैं और हड्डियों के फ्रैक्चर के जोखिम का पूर्वानुमान लगाता है।

Read more : Bengaluru : ऑटो से सफर करना होगा महंगा, नए रेट ने बढ़ाई चिंता

# Breaking News in hindi # Calcium news # Hindi news # Latest news # Nonveg news # Osteoporosis news # Vitamin D news