Income Tax में मिली राहत, अधिकारियों को मनाने में लगी थी मेहनत! आयकर में राहत क्यों लाया गया? FM ने बताई PM-अधिकारी सहमति की कहानी
Income Tax में राहत का आईडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्पष्ट समर्थन के बावजूद, इसे लागू करने में समय लगा क्योंकि अधिकारियों को समझाने और तैयार करने में मेहनत लगी। यह कहा है मंत्री निर्मला सीतारमण ने, जो नए बजट में लाए गए टैक्स स्लैब सुधार के पीछे की विचारधारा पर बात की।
FM ने क्या कहा इंटरव्यू में?
निर्मला सीतारमण ने PTI और HT/NDTV जैसे इंटरव्यू में बताया कि प्रधानमंत्री ने साफ कहा था कि टैक्स में राहत देनी चाहिए। लेकिन, अधिकारियों को ‘कलेक्शन इफिशिएंसी’ और ‘ईमानदार टैक्सपेयर्स की आवाज’ जैसे पहलुओं पर विश्वास बनाने में समय लगा ।

क्या राहत दी गई है?
बजट 2025-26 में घोषणा हुई कि नए टैक्स रेजीम के तहत ₹12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
पूर्व में यह सीमा ₹7 लाख थी, लेकिन अब सभी टैक्सपेयरों को लाभ मिलेगा।
राहत का मकसद क्या था?
- ईमानदार टैक्सपेयर को सम्मान देना था
- खरीदशक्ति को बढ़ावा देकर लोक-खपत में सुधार लाना था
- आसान और सहज टैक्स सिस्टम प्रदान करना था—‘स्लिमर, सिंपल, फेयर’
- टैक्स बेस को बढ़ाना और फाइलर्स की संख्या में वृद्धि लाना था

ब्यूरोक्रेसी को राजी कैसे किया गया?
- PMO का स्पष्ट मार्गदर्शन था, लेकिन
- मंत्रालयों ने कलेक्शन मॉडल की बदली रणनीति, तकनीकी तैयारियों और डेटा इम्पैक्ट का विश्लेषण कर आधिकारिक मंजूरी दी।
- FM ने कहा, “Effort ज्यादा अधिकारियों को मनाने में ही लगा”—जो बजट को संतुलित बनाता है।
अब आगे क्या होना बाकी है?
वित्त मंत्रालय 20 और 23 जून को Income Tax विभाग और GST अधिकारियों के साथ बैठक करने जा रहा है। अमित सावधानियां जैसे:
- रिफंड प्रोसेसिंग में तेजी
- विवादों में पारदर्शिता
- शिकायत निवारण
- सिस्टम अपग्रेड
FM जानना चाहती हैं कि क्या योजनाएं सही तरीके से लागू हो रही हैं।
Income Tax में जो राहत दी गई है, उसका श्रेय PMO और FM की टाइमिंग और रन-टू-टाइम कंसल्टेशन को जाता है। यह केवल टैक्स कट नहीं, बल्कि सरकार का ईमानदार टैक्सपेयरों के प्रति सम्मान और विश्वास बढ़ाने की रणनीति है।