Pension : बिहार में पेंशन लाभार्थियों के खाते में भेजी गई बढ़ी राशि

By Anuj Kumar | Updated: July 11, 2025 • 12:53 PM

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar ) की ओर से  आज बिहार के 1 करोड़ 11 लाख पेंशन लाभार्थियों को डीबीटी से बढ़ी हुई राशि भेज दी गई।  यह पहला मौका था जब उनके खाते में  चार  सौ रूपये के बदले 11 सौ रूपया भेजा गया।  यानी करीब तीन गुनी बढ़ी हुई पेंशन की राशि भेजी गई।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से बिहार के पेंशन लाभार्थियों के खाते में आज (11 जुलाई) बढ़ी हुई राशि ट्रांसफर (Transfer) कर दी गई। डीबीटी (DBT) से सीधे पेंशन लाभार्थियों के खाते में पहली बार आज चार सौ के बदले 11 सौ रूपया ट्रांसफर किया गया। इसके साथ ही सरकार ने बिहार के पेंशन लाभार्थियों को अब मुफ्त इलाज की भी सुविधा देगी।

पेंशन लाभार्थियों के खाते में भेजी गई बढ़ी हुई राशि

इस कार्यक्रम का आयोजन बिहार के सभी 38 जिलों के मुख्यालय, 534 प्रखंड मुख्यालय, 8053 ग्राम पंचायत और करीब 43 हजार 790 राजस्व ग्राम में किया गया था। इसमें करीब 60 लाख से अधिक लाभुक शामिल हुए थे। सभी आयोजन स्थलों पर माननीय मुख्यमंत्री के संबोधन को सीधा सुनने और देखने की समुचित व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही लाभुकों के लिए यहां भोजन और पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था की गई थी। सभी आयोजन स्थलों पर पांच मिनट की एक लघु फिल्म और एक मिनट का टीवी विज्ञापन भी प्रसारित किया गया।

मुफ्त इलाज का भी मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब बिहार के सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इसको लेकर पेंशन प्राप्त करने वाले सभी लोगों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। ताकि अस्वस्थता की स्थिति में उन सभी को उचित निःशुल्क उपचार मिल सके। सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों के संबंध में सीएम नीतीश ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट में लिखा भी था कि हम चाहते हैं कि आप सभी स्वस्थ एवं सुखी रहें और इसीलिए स्वास्थ्य विभाग को उक्त निर्देश दिया है।

मधुबनी में 80 साल के सर्वाधिक पेंशनधारक

सभी छह पेंशन योजनाओं में 80 साल या उससे अधिक आयु के पेंशनधारकों की सर्वाधिक संख्या मधुबनी जिले में है, जहां कुल 73 हजार 926 लाभुक हैं। इनमें 35 हजार 302 पुरुष और 38 हजार 620 महिलाओं के साथ 4 ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं। वहीं, मुजफ्फरपुर में 80 साल या उससे अधिक आयु के 63 हजार 357 लाभार्थी हैं। इनमें 32 हजार 923 पुरुष, 30 हजार 428 महिलाएं और 6 ट्रांसजेंडर हैं। वैशाली में 61 हजार 378 लाभुक हैं, इनमें 30 हजार 832 पुरुष और 30 हजार 532 महिलाएं शामिल हैं। इनमें 14 ट्रांसजेंडर पेंशनधारक भी हैं। वहीं, पटना में 59 हजार 567 लाभुक हैं। इनमें 28 हजार 830 पुरुष, 30 हजार 723 महिला और 14 ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं। समस्तीपुर में कुल 58 हजार 882 लाभुक हैं। इनमें 28 हजार 698 पुरुष, 30 हजार 175 महिला और 9 ट्रांसजेंडर हैं। इसके बाद पूर्वी चंपारण में 80 साल या उससे अधिक आयु के कुल 58 हजार 555 लाभार्थी हैं। इनमें 30 हजार 342 पुरुष, 28 हजार 203 महिला और 10 ट्रांसजेंडर हैं, जिनमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि का वितरण किया गया।

जमुई में सर्वाधिक ट्रांसजेंडर

बिहार में 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के कुल 312 ट्रांसजेंडर पेंशनधारक हैं। इनमें सर्वाधिक 69 ट्रांसजेंडर जमुई जिले में हैं, जिन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है। इसके बाद नालंदा में 22, सीतामढ़ी में 17, सुपौल, पटना, पश्चिम चंपारण में 14, गया में 13, रोहतास में 12, सारण, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, भोजपुर में 10 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। वहीं, समस्तीपुर में 9, कटिहार और पूर्णिया में 7, मुजफ्फरपुर और खगड़िया में 6, बक्सर में 5, सुपौल, सहरसा, मधुबनी, गोपालगंज, भागलपुर और अररिया में 4, बेगूसराय में 3, अरवल, शेखपुरा और लखीसराय में 2, दरभंगा, मधेपुरा और मुंगेर में 1 ट्रांसजेंडर के बीच राशि का वितरण किया जाएगा।

85 हजार जगहों पर हुआ आयोजन

सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का यह कार्यक्रम शुक्रवार को राज्य के 85 हजार 12 जगहों पर आयोजन किया गया। इनमें वैशाली में सर्वाधिक 10 हजार 146 स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके बाद गया में 6 हजार 600, समस्तीपुर में 5 हजार 309, नालंदा में 4 हजार 792, सारण में 4 हजार 676, रोहतास में 3 हजार 646, कटिहार में 3 हजार 300, औरंगाबाद में 3 हजार 40, मधेपुरा में 2 हजार 950, भागलपुर में 2 हजार 847, नवादा में 2 हजार 786, पूर्वी चंपारण में 2 हजार 493 स्थलों पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इन सभी कार्यक्रमों में राज्य सरकार की ओर से 66 लाख 71 हजार 969 लाभुकों की भागीदारी सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।


पेंशन का नया नियम क्या है?

2025 से अब हर पेंशनर को न्यूनतम ₹3,000 प्रति माह पेंशन देना अनिवार्य कर दिया गया है। इस बदलाव की घोषणा हाल ही में जारी किए गए ऑफिशियल सर्कुलर के माध्यम से की गई है। यह फैसला खासकर उन बुजुर्गों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा जिन्हें अब तक ₹1,000 या उससे भी कम मासिक पेंशन मिल रही थी।

बिहार पेंशन नियमावली के नियम 43 क्या है?

यदि अर्हक सेवा 33 वर्ष से कम है तो पेंशन की गणना बिहार पेंशन नियमावली के नियम 43 के अनुसार आनुपातिक रूप से की जाएगी। यदि सेवा दस वर्ष से कम है, तो कोई पेंशन देय नहीं है। पेंशन के बदले में केवल एकमुश्त सेवा ग्रेच्युटी ही स्वीकार्य है।

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