पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (PSP) संस्करण 2.0 के हिस्से के रूप में विदेश मंत्रालय ने ई-पासपोर्ट पहल शुरू की है। यह न केवल भारत की Passport प्रणाली के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि Passport धारकों के डेटा के दोहराव से बचने में भी मदद करेगा। ई-Passport पहचान सत्यापन को और अधिक कुशल बना देगा, साथ ही धोखाधड़ी के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान करेगा।
ई-पासपोर्ट क्या है?
ई-Passport पारंपरिक कागजी दस्तावेज़ों का एक संयोजन है जिसमें एक सुरक्षित, इलेक्ट्रॉनिक चिप होती है जिसमें व्यक्तिगत और बायोमेट्रिक डेटा होता है। ई-Passport एक रेडियो फ़्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप का उपयोग करता है जो सभी व्यक्तिगत जानकारी और बायोमेट्रिक विवरण संग्रहीत करता है।

ई-पासपोर्ट की पहचान कैसे करें?
ई-Passport की पहचान करना बहुत आसान है क्योंकि यह Passport के सामने के कवर के नीचे एक छोटे से अतिरिक्त सुनहरे रंग के प्रतीक के साथ आता है।
ई-Passport के मुख्य लाभ?
बढ़ी हुई सुरक्षा: ई-Passport का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें डिजिटल हस्ताक्षरित चिप होती है, जो जालसाजी, Passport की नकल और पहचान की चोरी के जोखिम को कम करती है।
भारत ने अब आधिकारिक रूप से चिप वाले ई-पासपोर्ट को अपनाना शुरू कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय पहचान के लिए ये एक नया और सुरक्षित तरीका है, जिसे दुनिया के कई देश पहले से ही अपना चुके हैं। मई 2025 से देश के 13 शहरों में ये सुविधा शुरू हो गई है। इसका मकसद है सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करना, पहचान से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकना और लोगों की विदेश यात्रा को आसान बनाना।
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