India Brahmastra बांध सूखे, फसलों पर संकट, पाकिस्तान में मची हलचल भारत के दो बड़े बांध डेड लेवल पर
देश के दो प्रमुख जलाशय — भागीरथी घाटी का टिहरी बांध और नर्मदा बेसिन का सरदार सरोवर — इस समय डेड स्टोरेज लेवल पर पहुंच चुके हैं। इससे:
- खरीफ फसलों की बुआई प्रभावित हो रही है
- लाखों किसानों को पानी की कमी का सामना
- बिजली उत्पादन भी घटने लगा है
क्या होता है डेड लेवल?
डेड लेवल वह स्थिति होती है जब बांध के नीचे का जल इतना कम हो जाता है कि:
- पानी सिंचाई या बिजली उत्पादन के लिए खींचा नहीं जा सकता
- जलाशय का उपयोगिक हिस्सा शून्य हो जाता है

पाकिस्तान क्यों हो गया परेशान?
भारत द्वारा सिंधु जल संधि के तहत बहने वाली नदियों के जल का अधिकतम प्रयोग करने की रणनीति ने पाकिस्तान को चिंता में डाल दिया है। भारत ने अपने ब्रह्मास्त्र, यानी जल नियंत्रण की नीति से:
- सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों पर नए प्रोजेक्ट शुरू किए
- पानी रोकने की तकनीकी सीमाओं तक पूरी तैयारी की
- पाकिस्तान को ‘पानी की चोट’ से चेतावनी दे दी है
भारत की ‘ब्रह्मास्त्र’ नीति क्या है?
- 1960 की सिंधु जल संधि के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) का पूर्ण नियंत्रण मिला है
- अब भारत इन नदियों के जल को अधिकतम उपयोग करने के लिए बांध, टनल और डायवर्जन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रहा है
- पाकिस्तान को जा रहा पानी कम होते ही कृषि और पीने के लिए संकट बढ़ रहा है

फसलों की बुआई पर क्या असर?
- जल की कमी के कारण धान, कपास और दालों की बुआई टल रही है
- किसानों को वैकल्पिक जल स्रोत की तलाश करनी पड़ रही है
- मानसून देरी से आने की आशंका से स्थिति और बिगड़ सकती है
भारत की ‘ब्रह्मास्त्र’ जलनीति ने जहां पाकिस्तान को रणनीतिक चिंता में डाल दिया है, वहीं देश के अंदर जल संकट से कृषि और किसान प्रभावित हो रहे हैं। अब यह देखना अहम होगा कि मानसून और जल प्रबंधन नीति किस हद तक इस डेड लेवल संकट से राहत दिला पाती है।