इंदौर,। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बुधवार 27 अगस्त को मध्य प्रदेश के महू में आयोजित रण-संवाद 2025 कार्यक्रम में देश की सुरक्षा चुनौतियों और भविष्य के युद्ध के स्वरूप पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान (Pakistan) पर भी परोक्ष हमला बोला और स्पष्ट किया कि भारत कभी पहले आक्रमण नहीं करता, लेकिन यदि कोई चुनौती देता है तो उसका जवाब पूरी ताकत से दिया जाएगा।
“रण और संवाद विरोधी नहीं, पूरक हैं”
रण संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कार्यक्रम का नाम बेहद सार्थक है। रण और संवाद सुनने में विरोधाभासी लगते हैं, लेकिन भारतीय परंपरा में दोनों साथ-साथ चलते हैं। उन्होंने महाभारत (Mahabharat) का उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने युद्ध से पहले शांति का संदेश दिया था। यानी भारत की संस्कृति में संवाद युद्ध का विकल्प नहीं, बल्कि उसका हिस्सा रहा है।
भविष्य के युद्ध होंगे तकनीक-आधारित
राजनाथ सिंह ने कहा कि 21वीं सदी के युद्ध केवल बंदूकों और टैंकों से नहीं लड़े जाएंगे। भविष्य के युद्ध प्रौद्योगिकी, खुफिया, कूटनीति और अर्थव्यवस्था के मिश्रण होंगे। साइबर अटैक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ड्रोन, उपग्रह आधारित निगरानी और डेटा-संचालित रणनीति किसी भी देश की जीत-हार तय करेगी। उन्होंने कहा कि जो राष्ट्र प्रौद्योगिकी और रणनीति में आगे होगा, वही वैश्विक शक्ति बनेगा।
युद्ध का दायरा जमीन से अंतरिक्ष तक
उन्होंने कहा कि केवल सैनिकों की संख्या और हथियारों का भंडार काफी नहीं है। अब युद्ध का दायरा जमीन, समुद्र और आकाश तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अंतरिक्ष और साइबरस्पेस तक फैल चुका है। उपग्रह-रोधी हथियार और अंतरिक्ष कमान केंद्र शक्ति के नए पैमाने हैं। इसलिए भारत को केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि सक्रिय रणनीति भी अपनानी होगी।
पड़ोसियों को अप्रत्यक्ष चेतावनी
रण संवाद कार्यक्रम में उन्होंने पाकिस्तान और चीन का नाम लिए बिना कहा कि पड़ोसी देशों से भारत को लगातार चुनौतियां मिलती रही हैं। भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर कोई देश उसकी संप्रभुता या सुरक्षा को चुनौती देगा तो उसका जवाब पूरी ताकत से दिया जाएगा।
भारत की रक्षा तैयारियां होंगी और मजबूत
उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा तैयारियां लगातार सशक्त की जा रही हैं। प्रशिक्षण, तकनीकी उन्नति और रणनीतिक साझेदारियां भविष्य की जरूरत हैं और इन पर सरकार का खास जोर है।
आत्मरक्षा मंत्री कौन है?
राजनाथ सिंह 30 मई 2019 से भारत के वर्तमान और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले रक्षा मंत्री हैं।
राजनाथ सिंह की सुरक्षा श्रेणी क्या है?
वाई श्रेणी में दो निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) और एक्स श्रेणी में एक पीएसओ शामिल होता है। वीवीआईपी सुरक्षा से एनएसजी के हटने से नौ उच्च जोखिम वाले वीआईपी की सुरक्षा स्थानांतरित हो जाएगी, जिनमें योगी आदित्यनाथ, मायावती, राजनाथ सिंह, एमके स्टालिन, एन
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