प्रभावशाली काउंटर ड्रोन सिस्टम’: भारत के D4 की प्रशंसा की अमेरिका के विशेषज्ञ ने

By digital | Updated: May 19, 2025 • 5:33 AM

जॉन स्पेंसर, अमेरिकी युद्ध विशेषज्ञ भारत की D4 एंटी-ड्रोन प्रणाली की प्रशंसा करते हुए इसे “एक प्रभावशाली काउंटर ड्रोन सिस्टम” बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली ने हाल ही में पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ किए गए ड्रोन स्वार्म हमले को निष्क्रिय करने में अहम भूमिका निभाई।जिसमें तुर्की ड्रोन भी शामिल थे। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “अमेरिका को प्रभावी और लागत-कुशल काउंटर-ड्रोन की जरूरत है, खासकर हमारी दक्षिणी सीमा पर।”

स्पेंसर की यह टिप्पणी उस समय आई है जब पाकिस्तान के साथ सीमित लेकिन निर्णायक संघर्ष के बाद भारत की तकनीकी क्षमताओं पर वैश्विक ध्यान बढ़ा है। अमेरिकी विशेषज्ञ ने यह प्रतिक्रिया रवि रंजन नामक एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता की पोस्ट पर दी।


“भारत की D4 एंटी-ड्रोन प्रणाली अब वैश्विक सुर्खियों में है। पाकिस्तान संघर्ष (ऑपरेशन सिंदूर) के दौरान खतरों को बेअसर करने में इसकी शानदार प्रदर्शन किया।, अब दुनिया ध्यान दे रही है। भारत में बनी, युद्ध में आज़माई गई, दुश्मनों के लिए खौफनाक।”

D4 प्रणाली — को DRDO द्वारा विकसित और BEL द्वारा निर्मित किया गया है।

यह प्रणाली माइक्रो UAV से लेकर छोटे सशस्त्र ड्रोन तक की विभिन्न ड्रोन खतरों से निपटने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग, स्पूफिंग और संभवतः लेज़र-आधारित विधियों का उपयोग करके ड्रोन घुसपैठ को पता लगाती है। बाद में निष्क्रिय करती है।

हाई-प्रोफाइल आतंकी ढांचा निशाने पर

भारत ने यह प्रणाली ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रभावी रूप से तैनात की थी। जो कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया गया एक अभियान था। इस अभियान में पाकिस्तान के भीतर हाई-प्रोफाइल आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया। ड्रोन घुसपैठ सहित प्रतिघात को सफलतापूर्वक रोका गया।

इससे पहले, स्पेंसर ने भारत के व्यापक सैन्य प्रदर्शन की भी सराहना की थी ।, “भारत पाकिस्तान के अंदर हमले करने और खुद की सफलतापूर्वक रक्षा करने में सफल रहा,।जिसमें पाकिस्तानी ड्रोन हमले और हाई-स्पीड मिसाइलें भी शामिल थीं।” उन्होंने भारत के संदेश को स्पष्ट बताया: “वह पाकिस्तान में कहीं भी, कभी भी मार कर सकता है।”

ऑपरेशन सिंदूर को “आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में एक निर्णायक मोड़

युद्ध विशेषज्ञ ने ऑपरेशन सिंदूर को “आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में एक निर्णायक मोड़” कहा और दुनिया भर के सैन्य विश्लेषकों से इसके निष्पादन का अध्ययन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “भारत का संदेश स्पष्ट था: हम युद्ध नहीं चाहते लेकिन आतंक को दंडित करेंगे, वह भी बिना संघर्ष को बढ़ाए।”

स्पेंसर ने आगे कहा, “सिर्फ चार दिनों की संतुलित सैन्य कार्रवाई के बाद, यह वस्तुनिष्ठ रूप से निष्कर्ष है: भारत ने एक जबरदस्त जीत हासिल की। यह कोई प्रतीकात्मक बल प्रयोग नहीं था। यह स्पष्ट रूप से लागू की गई निर्णायक शक्ति थी।”

पाकिस्तान की प्रचार रणनीति की भी आलोचना

उन्होंने ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान की प्रचार रणनीति की भी आलोचना की,।यह कहते हुए कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया में गलत सूचना फैलाने के लिए “पहले झूठ बोलो” की रणनीति अपनाई। “जैसा कि हमने गाज़ा में देखा है। फैक्ट-चेकिंग अब एक खोया हुआ मानक बन गई है। सब कुछ ‘पहले’ दिखाने के नाम पर,” उन्होंने X पर लिखा।

स्पेंसर ने भारत की व्यापक रणनीतिक प्रतिक्रिया, जिसमें सिंधु जल संधि का निलंबन भी शामिल है। उन्होंने इसका समर्थन किया और पश्चिमी शक्तियों से आतंकवाद के मामलों में “दोनों पक्षों को बराबर मानने” की सोच खत्म करने का आग्रह किया।

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