తెలుగు | Epaper

India-EU: भारत-ईयू व्यापार समझौते की ओर बड़ा कदम

Dhanarekha
Dhanarekha
India-EU: भारत-ईयू व्यापार समझौते की ओर बड़ा कदम

बीस साल बाद समझौते की उम्मीद

नई दिल्ली: भारत और यूरोपीय संघ(India-EU) के बीच लगभग 20 वर्षों से लंबित व्यापार समझौता अब अपने अंतिम चरण में है। दोनों पक्षों ने संकेत दिए हैं कि साल 2025 के अंत तक इस समझौते को अंतिम रूप दिया जा सकता है। इससे भारत और ईयू के बीच व्यापारिक संबंधों को नई मजबूती मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल(Piyush Goyal) ने कहा कि आने वाले महीनों में कुछ अहम बिंदुओं को शामिल कर इसे संतुलित रूप दिया जाएगा

नेताओं का समर्थन और बातचीत में तेजी

यूरोप(Europe) के ट्रेड कमिश्नर मारोस सेफकोविक ने एसीएमए की बैठक में बताया कि लंबे समय से चली आ रही बातचीत अब निर्णायक मोड़ पर है। इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग(India-EU) की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन का समर्थन अहम रहा है। दोनों पक्ष इस साल के अंत तक सभी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए प्रयासरत हैं।

सेफकोविक और गोयल लगातार कठिन मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। दोनों नेताओं का मानना है कि यह साझेदारी वैश्विक तनाव के बीच व्यापार को नया आयाम देगी। भारत की बढ़ती आर्थिक भूमिका यूरोप(India-EU) के लिए अवसर है, जबकि यूरोप की तकनीक भारत के विकास में सहायक होगी।

आर्थिक लाभ और भविष्य की संभावनाएं

गोयल ने कहा कि समझौते का स्वरूप संतुलित होना चाहिए। उन्होंने मजाकिया लहजे में स्वीकार किया कि सेफकोविक एक कठिन वार्ताकार हैं, लेकिन हर बातचीत में संतुलन बनाना ही वास्तविक चुनौती है। उनके अनुसार, वर्तमान वार्ता से जो संभावनाएं खुल रही हैं, वे भविष्य में भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जाएंगी।

दोनों पक्षों ने यह भी माना कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य जटिल है। इसके बावजूद, भारत की क्षमता और मजबूती पर भरोसा जताया गया। गोयल ने उद्योग जगत से सकारात्मक बने रहने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत की स्थिरता और लंबे समय तक टिके रहने की ताकत हमें हर संकट से उबार सकती है।

भारत को इस समझौते से क्या फायदा होगा?

भारत को यूरोप की उन्नत तकनीक और निवेश तक पहुंच मिलेगी। इससे उद्योग, विनिर्माण और रोजगार के अवसरों में तेजी आएगी। साथ ही, वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।

ईयू के लिए भारत क्यों अहम है?

यूरोपीय संघ भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को एक बड़े अवसर के रूप में देखता है। साझेदारी से उन्हें एशियाई बाजारों में स्थिर पहुंच मिलेगी और व्यापारिक सहयोग को नया विस्तार मिलेगा।

अन्य पढ़े:

📢 For Advertisement Booking: 98481 12870