India Evacuation ईरान से निकासी जारी, नेपाल-श्रीलंका की मदद
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच India Evacuation सरकार ने ईरान से अपने नागरिकों की निकासी तेज़ कर दी है। इस अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। इस प्रयास के तहत भारत ने नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की है।
क्यों जरूरी हो गई निकासी?
- ईरान में लगातार बढ़ते सैन्य हमलों और सुरक्षा संकट के कारण वहां रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई।
- खासकर छात्रों, कामगारों और पर्यटकों के लिए हालात अस्थिर हो गए हैं।

दूतावास ने क्या कदम उठाए हैं?
- तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने 24×7 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, ताकि संकट में फंसे भारतीय सीधे संपर्क कर सकें।
- हेल्पलाइन पर कॉल के ज़रिए निकासी प्रक्रिया को तेज़ी से अंजाम दिया जा रहा है।
- दूतावास ने विशेष रूप से छात्रों और महिला यात्रियों के लिए प्राथमिकता दी है।
नेपाल और श्रीलंका को कैसे मिली मदद?
- भारत ने मानवीय आधार पर ईरान में फंसे नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी अपनी निकासी उड़ानों में शामिल किया।
- दोनों देशों की सरकारों ने भारत के इस कदम की सराहना की है।
- यह भारत की क्षेत्रीय जिम्मेदारी और सांझा कूटनीतिक मूल्यों का प्रतीक है।
निकासी अभियान की स्थिति क्या है?
- अब तक लगभग 1800 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
- उड़ानें दुबई, दोहा और मस्कट जैसे सुरक्षित स्थानों तक चलाई जा रही हैं।
- बचाव अभियान अभी भी जारी है और और भी कई नागरिकों को निकाला जाना बाकी है।

सरकार ने क्या अपील की है?
- भारत सरकार ने ईरान में रह रहे नागरिकों से कहा है कि वे
- अनावश्यक यात्रा से बचें,
- दूतावास के संपर्क में रहें
- और सामाजिक मीडिया पर ग़लत या अफवाह भरी खबरों से दूर रहें।
India Evacuation मिशन इस बात का प्रमाण है कि संकट की घड़ी में भारत अपने नागरिकों के साथ मजबूती से खड़ा है। सिर्फ अपने लोगों की नहीं, बल्कि पड़ोसी देशों के नागरिकों की मदद करके भारत ने एक बार फिर मानवता और कूटनीति का उदाहरण पेश किया है। निकासी अभियान आगे भी तब तक जारी रहेगा जब तक हर भारतीय सुरक्षित घर न लौट जाए।