राजनीतिक गतिविधियों पर सफाई दी गई
नई दिल्ली: भारत(India) ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के उन आरोपों को खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया था कि शेख हसीना की अवामी लीग(Awami League) पार्टी के कार्यकर्ता भारत से उसके खिलाफ राजनीतिक गतिविधियां चला रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल(Randhir Jaiswal) ने बुधवार को स्पष्ट किया कि भारत अपनी जमीन से किसी भी देश के खिलाफ राजनीतिक अभियान की अनुमति नहीं देता है। उन्होंने बांग्लादेश की चिंताओं को निराधार बताया और कहा कि भारत चाहता है कि पड़ोसी देश में जल्द निष्पक्ष चुनाव हों।
यूनुस सरकार की मांग और प्रतिक्रिया
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की सरकार ने भारत से दिल्ली और कोलकाता में चल रहे अवामी लीग कार्यालयों को बंद करने की मांग की थी। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय का कहना था कि वहां रह रहे पार्टी नेताओं की गतिविधियां जनता और देश के खिलाफ हैं।
हालांकि भारत(India) ने साफ किया है कि उसे ऐसी किसी भी सक्रियता की जानकारी नहीं है। साथ ही भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि बांग्लादेश में राजनीतिक समाधान लोकतांत्रिक प्रक्रिया से ही होना चाहिए। सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने भी ऐलान किया है कि सेना फरवरी 2026 में होने वाले चुनाव में सरकार का सहयोग करेगी।
अवामी लीग पर प्रतिबंध और नई राजनीतिक तस्वीर
अंतरिम सरकार ने अक्टूबर 2024 में अवामी लीग पर आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंध लगाया था। यह बैन तब तक लागू रहेगा, जब तक इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल (International Criminal Tribunal) पार्टी और उसके नेताओं पर चल रहे मुकदमों का निपटारा नहीं कर देता। इस फैसले के बाद बांग्लादेश की राजनीति का संतुलन पूरी तरह बदल गया।
शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभरी है। वहीं छात्र आंदोलनों से निकली नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) को यूनुस का समर्थन माना जा रहा है, जिससे राजनीतिक परिदृश्य और जटिल हो गया है।
छात्र आंदोलन और हसीना का पतन
हाईकोर्ट द्वारा नौकरियों में 30% कोटा लागू किए जाने के बाद 5 जून 2024 को छात्रों ने विरोध शुरू किया। शुरुआत में शांतिपूर्ण रहे ये प्रदर्शन जल्द ही हिंसक हो गए। करीब एक हजार से अधिक लोगों की मौत के बाद स्थिति बिगड़ गई और अंततः 5 अगस्त को शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा।
इसके बाद राष्ट्रपति और सेना के सहयोग से आपातकाल की घोषणा कर अंतरिम सरकार का गठन हुआ। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस इस सरकार के मुखिया बने, जिन्होंने राजनीतिक संक्रमण की जिम्मेदारी संभाली है।
India ने बांग्लादेश के किस आरोप को खारिज किया?
भारत ने यह दावा खारिज किया कि अवामी लीग कार्यकर्ता उसकी जमीन से बांग्लादेश के खिलाफ राजनीतिक गतिविधियां चला रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे किसी कदम की अनुमति नहीं है।
बांग्लादेश में अवामी लीग पर कब प्रतिबंध लगा?
अक्टूबर 2024 में अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर बैन लगाया। यह फैसला इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल की सुनवाई पूरी होने तक जारी रहेगा।
शेख हसीना को देश क्यों छोड़ना पड़ा?
छात्र आंदोलन में हिंसा और बड़ी संख्या में मौतों के बाद हालात बेकाबू हो गए। इसी अशांति और राजनीतिक दबाव के कारण शेख हसीना को 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश छोड़ना पड़ा।
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