India की सबसे लंबी रेलवे सुरंग ने स्थापित किया नया मील का पत्थर; जानिए सबकुछ
India की बुनियादी ढांचा विकास योजनाओं में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि जुड़ गई है। देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग ने निर्माण और कार्यान्वयन के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। यह सुरंग न केवल तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक है, बल्कि यह India के कनेक्टिविटी मिशन को भी मजबूत करती है।
यह सुरंग कहां स्थित है?
- यह सुरंग उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के तहत जम्मू-कश्मीर में बनाई गई है।
- सुरंग का नाम: तूसीमदान सुरंग (T-49)
- कुल लंबाई: 12.75 किलोमीटर
- यह पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला को भेदती है।
सुरंग की मुख्य विशेषताएं
- यह India की सबसे लंबी रेलवे सुरंग है, जिसने पीर पंजाल सुरंग (11.2 किमी) को पीछे छोड़ दिया।
- डबल ट्रैक टनल के रूप में डिज़ाइन की गई है।
- आधुनिक वेंटिलेशन और सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित है।
- सुरंग में ट्विन टनल सिस्टम का उपयोग किया गया है – एक मेन और दूसरी सुरक्षा सुरंग।
निर्माण में किन तकनीकों का हुआ प्रयोग?
- सुरंग निर्माण के लिए न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) का इस्तेमाल किया गया।
- रॉक बॉल्टिंग, शॉटक्रीटिंग और ड्रेनेज टेक्नोलॉजी का प्रयोग।
- निर्माण में हिमालयन जियोलॉजी की चुनौतियों को पार किया गया।
इस सुरंग का महत्व क्यों है?
- यह सुरंग जम्मू से कश्मीर की दूरी और समय को काफी घटा देगी।
- सुरंग से वर्ष भर आवागमन संभव होगा, चाहे मौसम कैसा भी हो।
- सैन्य और व्यापारिक गतिविधियों के लिए यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
यह परियोजना किसके अधीन है?
- परियोजना का निर्माण Northern Railway और IRCON International द्वारा किया गया।
- यह भारत सरकार की “Act Fast, Act First” नीति का हिस्सा है।
भविष्य की योजनाएं
- USBRL परियोजना पूरी होने पर कश्मीर घाटी पूरे India से रेलवे नेटवर्क द्वारा जुड़ जाएगी।
- सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक पूरी परियोजना को चालू कर दिया जाए।
भारत की सबसे लंबी रेलवे सुरंग ने देश की इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमताओं का नया स्तर दर्शाया है। यह न केवल यात्रा को सुगम बनाएगी बल्कि राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा को भी बल देगी।