कड़ी जांच शुरू, परिवहन विभाग द्वारा तीन जिलों में कराई जाएगी एफआईआर
लखनऊ। भारत–नेपाल सीमा (India-Nepal border) पर कुछ निजी बसों द्वारा कूटरचित (जाली) परमिट के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय मार्ग पर अवैध रूप से संचालन पर योगी सरकार ने सख्ती दिखाई है। इन गंभीर मामलों को संज्ञान में लेते हुए परिवहन आयुक्त ने त्वरित कड़े कदम उठाए हैं। FRRO लखनऊ तथा एसएसबी ने सूचित किया कि कई बसों द्वारा नेपाल सीमा पर ऐसे परमिट प्रस्तुत किए गए हैं, जो सतही रूप से संभागीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा जारी प्रतीत हो रहे थे, किंतु जांच में यह पूर्णतः जाली या वैधानिक अधिकार क्षेत्र से परे पाए गए। इस पर सख्त योगी सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया।
तीन जनपदों में जाली परमिट की हुई पुष्टि
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि अब तक तीन जनपदों (अलीगढ़, बागपत व महराजगंज) में स्पष्ट रूप से जाली परमिट की पुष्टि हो चुकी है। यहां संबंधित एआरटीओ ने प्रमाणित किया कि ऐसा कोई परमिट कार्यालय से निर्गत नहीं किया गया। इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराने के साथ दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई को कहा गया।
परिवहन आयुक्त ने डीजीपी को लिखा पत्र
इसके अतिरिक्त गोरखपुर, इटावा एवं औरैया जैसे जनपदों में भी ऐसे परमिट प्रस्तुत किए गए हैं, जो प्रथम दृष्टया भारत–नेपाल यात्री परिवहन समझौता, 2014 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं। गोरखपुर प्रकरण में विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए परिवहन आयुक्त ने पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश को पत्र भेजा है, जिसमें तीन जिलों में दर्ज प्रकरणों की एसटीएफ से जांच कराए जाने का अनुरोध किया गया है।
परिवहन आयुक्त ने बताया कि मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 88(8) एवं भारत–नेपाल समझौते के अनुच्छेद III(5) एवं III(11) के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मार्ग पर संचालन के लिए सिर्फ गंतव्य देश की दूतावास/कांसुलेट द्वारा Form-C में निर्गत परमिट ही वैध होता है। ऐसे में राज्य स्तर पर SR-30 अथवा SR-31 फॉर्म में जारी परमिट भारत–नेपाल मार्ग हेतु वैधानिक नहीं हैं।

नेपाल और भारत की सीमा क्या है?
भारत और नेपाल की सीमा लगभग 1,751 किलोमीटर लंबी है। यह सीमा उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों के साथ नेपाल को जोड़ती है, और दोनों देशों के बीच एक खुली सीमा है। इस सीमा से दोनों देशों के नागरिक बिना वीज़ा के एक-दूसरे के देश में यात्रा कर सकते हैं।
भारत और नेपाल के बीच की सीमा क्या है?
नेपाल और भारत की सीमा मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, और सिक्किम से जुड़ी हुई है। यह सीमा प्राकृतिक रूप से नदियों और पहाड़ों से विभाजित है, जो दोनों देशों के बीच अंतर को स्पष्ट करती है।
UP का कौन सा जिला नेपाल से सटा हुआ है?
उत्तर प्रदेश का महराजगंज जिला नेपाल से सटा हुआ है। यह जिला नेपाल के साथ सीमा साझा करता है और यहां के लोग व्यापार, संस्कृति और यात्रा के लिए नेपाल से जुड़ते हैं। यह सीमा पार से आने-जाने का एक प्रमुख रास्ता भी है।
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